संतकबीरनगर : उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर में सुभासपा महिला मंच की प्रदेश महासचिव नंदिनी राजभर की रविवार को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड को नंदिनी के खलीलाबाद के डीघा स्थित आवास में अंजाम दिया गया। जिसके बाद वहां सनसनी फैल गई. देर शाम कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया। पुलिस के शव उठाने की कोशिश पर आक्रोश भड़क उठा। ग्रामीणों और समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हो गई। देर रात आश्वासन पर लोग माने और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।
उधर, कोतवाल को आईजी कार्यालय बस्ती से संबद्ध कर दिया गया है। पूरे घटनाक्रम की जांच एएसपी बस्ती करेंगे। आईजी आरके भारद्वाज ने अन्य पुलिसकर्मियों की भी भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही भूमि विवाद की जांच के लिए संतकबीरनगर के एएसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया गया है। खलीलाबाद कोतवाली स्थित डीघा मोहल्ला निवासी अच्छेलाल की पत्नी नंदिनी राजभर (30) सुभासपा महिला मंच की प्रदेश महासचिव थीं।
नंदिनी राजभर रविवार को भाजपा कार्यालय गई थीं। वहां एक बैठक में शामिल होने के बाद वह शाम 4 बजे घर लौटीं। उनके पति शहर में काम करने गए थे और 7 वर्षीय एकलौता बेटा भी खेलने गया था। शाम लगभग 5 बजे मोहल्ले की एक महिला उनके घर किसी काम से गई। दरवाजा खुला होने के चलते महिला नंदिनी राजभर के कमरे में पहुंची तो फर्श पर नंदिनी की खून से लथपथ लाश पड़ी थी।
लाश देखते ही वह चीखने-चिल्लाने लगी. महिला का शोर सुनकर और भी लोग वहां आ पहुंचे। इसी बीच लोगों ने मामले की सूचना कोतवाली पुलिस को दे दी। कोतवाली प्रभारी बृजेंद्र पटेल के साथ ही एएसपी शशि शेखर सिंह मौके पर पहुंच गए। देर शाम शव उठाने की कोशिश पर पुलिस और समर्थकों में झड़प हो गई. बात बनती न देख मामले में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से नंदिनी के परिजनों की बातचीत हुई। उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से शव ले जाने देने को कहा। इसके बाद डीएम, एसपी के नेतृत्व में पुलिसकर्मी शव पिकअप में रखने के लिए ले जाने लगे. करीब दो सौ मीटर जाने के बाद अचानक ग्रामीण फिर विरोध करने लगे। वे ईंट-पत्थर लेकर पुलिस से भिड़ने को तैयार हो गए. धक्का-मुक्की भी हुई।
सभी ने कहा शव तब तक नहीं उठने दिया जाएगा, जब तक हत्यारोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता। पुलिस ने लोगों को उग्र होते देख दोबारा शव वहीं रख दिया। सांसद प्रवीन निषाद और आईजी भी मौके पर पहुंच गए। देर रात आईजी के आश्वासन पर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। लोगों ने बताया कि नंदिनी राजभर इलाके की अच्छी नेता थीं। वह अपने रिश्ते के ससुर को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रही थी। उसी मामले को लेकर उनको धमकी भी मिल रही थी। एक सप्ताह पहले रिश्ते के ससुर का रेलवे ट्रैक पर शव मिला था। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि हत्या किसने की है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
29 फरवरी को नंदिनी के रिश्तेदार की हत्या हुई थी’
मृतिका के मामा रामगोपाल राजभर ने बताया कि 29 फरवरी को एक हत्या हुई थी। जिसकी हत्या हुई थी वो नंदिनी के रिश्ते में ससुर लगते थे। जमीनी विवाद में उन्हें मार डाला गया था। लेकिन उस केस को आत्महत्या का रूप दे दिया गया था। बस रिश्ते के ससुर के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए नंदिनी कानूनी लड़ाई लड़ रही थीं। उन्हें रोजाना धमकियां भी मिल रही थीं. मामले में SP सत्यजीत गुप्ता ने कहा कि हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। मामले में उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी।