डॉ घनश्याम त्रिपाठी हत्याकांड में बड़ा सवाल है आखिर कौन है मोस्टवांटेड अजय नारायण सिंह का मददगार। जिसने पुलिस और STF के राडार को भी हिला दिया। 8 दिन यानी 192 घंटे बीत गए और पुलिस हत्या आरोपी अजय नारायण सिंह का बाल बांका नही कर पाई। जी हां कितना बड़ा गैंगगेस्टर है, अजय नारायण सिंह, STF का राडार भी उसकी फितरत के सामने फेल है या फिर सत्ता का बड़ा खेल है। चोर सिपाही का ड्रामा है या फिर वाकई अजय नारायण सिंह शातिर दिमाग गैंगगेस्टर है।
फिलहाल अब सुल्तानपुर जनपद के डॉ घन श्याम त्रिपाठी हत्याकांड सियासत और अपराध का कॉकटेल बन चुका है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कोंग्रेस पार्टी के नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमलावर है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के ब्राह्मण नेता बगावत पर है। भाजपा के कार्यकर्ता खुला चैलेन्ज कर रहे है, अगर डॉ घनश्याम त्रिपाठी हत्याकांड में न्याय न हुआ तो भाजपा को सत्ता से जाना होगा।
सुल्तानपुर जिला मुख्यालय पर ब्राह्मण समाज का जनाक्रोश चरम पर है लेकिन डॉ घनश्याम त्रिपाठी हत्याकांड में पुलिस कार्यवाही की रफ़्तार चौकाने वाली है। अभी तक मुख्य हत्यारोपी पर सिर्फ 50 हजार का इनाम है। जबकि सुल्तानपुर के अधिवक्ता आज़ाद हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त सिराज उर्फ़ पप्पु पर 48 घंटे में इनाम 50 हजार से बढ़ कर एक लाख हो गया था।
फिलहाल अब तक की कार्यवाही में पुलिस ने हत्यारोपी अजय नारायण सिंह की XUV सोनभद्र जनपद से बरामद कर ली है। अजय नारायण सिंह का बैंक अकाउंट फ्रीज किया है। जिसमे 22 लाख रुपये है, मोस्टवांटेड अजय नारायण सिंह की बुलेट मोटर साइकिल और स्कूटी उसके चाचा गिरीश नारायण उर्फ़ बब्बन सिंह के घर से बरामद कर कब्जे में ले लिया है।
वहीं STF ने विजय नारायण सिंह को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। विजय नारायण मोस्टवांटेड अजय नारायण सिंह का भतीजा है। यह भी दावा किया जा रहा है डॉ घनश्याम त्रिपाठी हत्याकांड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुलिस पर कार्यवाही के लिए बड़ा दबाव भी है। जिसकी वजह से पुलिस हैरान और परेशान भी है। मगर अफ़सोस 192 घंटे बाद भी पुलिस और STF उस खतरनाक अपराधी अजय नारयण सिंह को नही खोज पायी है, जो आतंक का पर्याय बना है।
ब्यूरो रिपोर्ट nttv bharat