डॉक्टर घनश्याम तिवारी हत्याकांड में 11 दिन बाद भी फरार मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह पुलिस गिरफ्त से दूर है। जबकि इनामिया को पकड़ने के लिए एसटीएफ तक लगाई गई है। उधर डॉक्टर की विधवा पत्नी को जहां डर सता रहा है। वहीं सरकार से उनका भरोसा उठ चला है। उन्होंने कहा है कि मुझे सरकार पर ट्रस्ट नहीं है।
डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी का कहना है कि, ये पहला मौका नहीं है। जहां अपराधी पकड़ से दूर है। अगस्त माह में अधिवक्ता आजाद अहमद हत्याकांड में भी हुआ था।कोर्ट की सख्ती के बाद मुख्य आरोपी 1 लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर सिराज अहमद पप्पू का घर खोद देने वाली खाकी उसे दो माह में पकड़ नहीं सकी। बीते वर्ष जुलाई माह में कोतवाली नगर में इंस्पेक्टर नीशू तोमर के विरुद्ध महिला कॉन्स्टेबल ने रेप का केस दर्ज कराया। 50 हजार का इनाम घोषित होने के बाद एक साल में वो गिरफ्तार नहीं हो सका। आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता रवींद्र सिंह पर जानलेवा हमला हुआ। आरोपी आज तक पकड़े नहीं गए।
डॉक्टर की पत्नी का कहना है कि, पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट भी हूं नहीं भी हूं। क्योंकि सिर्फ आश्वासन है। उनको ना पकड़ा गया है, किसी के यहां बुलेट बरामद हो रही है। किसी के यहां बाइक बरामद हो रही है तब भी कोई एक्शन कुछ नहीं है। मुझे बहुत ट्रस्ट नहीं है। उम्मीद है हो सकता है मेरे साथ न्याय करें। मेरे साथ जो हुआ है आगे किसी के साथ भी हो सकता है।
हैरत की बात ये है कि, पीड़िता ने एक करोड़ की सरकार से मदद मांगी थी। भाजपा नेताओं ने इसकी संस्तुति किया था। जिसे तत्कालीन डीएम जसजीत कौर ने पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन 10 दिन बाद भी करोड़ तो दूर लाख रुपए भी शासन से मदद में नहीं मिल सके। इसके विरुद्ध विपक्ष की ओर से सपा के प्रतिनिधि मंडल ने जहां दो लाख नकद की सहायता राशि दी है। वहीं पूर्व विधायक पवन पाण्डेय ने 5 लाख की मदद देने की घोषणा की है।