सोनभद्र के जिलाधिकारी टीके शिबू को भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. इस पूरे मामले की जांच कराकर आगे निर्णय लिया जाएगा. आइएएस टीके शिबू पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के दौरान बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया था. उन पर खनन और निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है. इनके खिलाफ जनप्रतिनिधियों ने भी शिकायत की थी. इसके अलावा इनके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी कॅरप्शन करने की शिकायत की थी.
एक नजर शिकायतों पर
इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन की ओर से जानकारी दी गई है कि सोनभद्र के डीएम टीके शिबू के खिलाफ जनपद में खनन, जिला खनीज न्यास समिति और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जनप्रतिनिधियों की ओर से की गई थीं. वहीं, विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान इन पर जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में गंभीर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगा है. शासन ने सूचना दी है कि इन्होंने चुनाव के दौरान पोस्टल बैलेट पेपर सील नहीं किया था. इस वजह से सार्वजनिक स्थल पर उसकी तस्वीरें वायरल हो गई थीं. इस कारण जनपद का मतदान निरस्त करने की स्थिति बन गई थी. उस मामले को विंध्याचल मंडल मीरजापुर क्षरा जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर दोबारा सील किया गया था. जनसामान्य तथा जनप्रतिनिधियों से भी इनकी दूरी की शिकायत मिल रही थी.
राजस्व परिषद लखनऊ कार्यालय से अटैच किए गए
कार्यालय ज्ञाप के मुताबिक, इस संबंध में मीरजापुर के आयुक्त विंध्याचल मंडल को जांच सौंपी गई थी. जांच में आईएएस टीके शिबू को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया था. इसी वजह से उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. अब इस मामले की जांच वाराणसी मंडल के कमिश्नर को सौंपी गई है. जांच पूरी न हो जाने तक वे राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे. इस दौरान वे बिना किसी लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं.