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सुल्तानपुर: लॉकडाउन का फायदा उठाकर अधिकारी ने बिना वादी के 80 मुकदमों का कर डाला निस्तारण

सुल्तानपुर: पूरे देश मे जहाँ कोरोना महामारी ने कोहराम मचा रखा था. वंही इस महामारी की रोकथाम के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था। लोग कोविड-19 से बचाव के लिये अपने घरों में महफूज रहना ज्यादा पसंद कर रहे थे। वंही जनपद के सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार ने इस मौके का भरपूर फायदा उठा कर ऐसा कांड कर दिया जिसे सुनने के बाद आपके पैरों तले ज़मीन खिसक जायेगी. जी हाँ, जनपद के सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार ने आपदा को अवसर में बदल कर लगभग 80 मुकदमो का निस्तारण कर दिया।

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इस मामले का खुलासा तब हुआ। जब उसी तहसील के रहने वाले एक व्यक्ति ने सांसद मेनका गांधी से लेकर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को शिकायत पत्र भेजकर उक्त मामले में कार्यवाही की गुहार लगाईं है। आपको बता दें मामला बल्दीराय तहसील से जुड़ा हुआ है। शिकायतकर्ता राहुल कुमार व बलवीर यादव का कहना है कि विशेष सचिव महेन्द्र सिंह के आदेश से प्रेषित द्वारा अपर सचिव रेणुका कुमार ने प्रदेश के सभी नायब तहसीलदार न्यायालय से लेकर राजस्व परिषद न्यायालय तथा चकबन्दी विभाग के समस्त न्यायालय 23 मार्च से 21 जून तक बन्द रहने का आदेश पारित किया था। आदेशो का क्रियान्वयन हेतु बकायदा गाइड लाइन जारी किया गया। गाइड लाइन में यह भी जारी किया गया कि किसी व्यक्ति द्वारा उल्लंघन करने पर आपदा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी.

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आपको बता दें शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि, लॉकडाउन में मुकदमे का निस्तारण किये जाने से राजस्व को हानि हुई है. और आगे ये भी कहा कि, सूचना मांगे जाने पर 28 मार्च से 30 अप्रैल 2020 तक 80 पत्रावलियों में से 10 पत्रावलियों का आदेश कम्प्यूटराइज्ड प्रति साक्षय स्वरूप दिया गया. इस आपदा को अवसर में बदलने के लिए शासन देश का खुला उल्लंघन करते हुय नियम के विरुद्ध तथा क्षेत्राधिकार से परे आदेशों को पारित किया गया. ये सेवानिर्वतत्त नायब तहसीलदार अमरनाथ पाल व आर.के रमाशंकर मिश्रा द्वारा किया गया. तत्कालीन एसडीएम प्रिया सिंह और तत्कलीन जिलाधिकारी सी.इंदुमती के कार्यकाल में बल्दीराय तहसील में लॉकडाउन के दौरान पट्टा और मुकदमों में लंबे खेल होने की सम्भावना लगायी जा रही हैं. इस दौरान पीड़ित शिकायत करते रहे लेकिन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की.