उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में कुत्तों का आतंक कम नहीं हो रहा है। जिले में कुत्तों ने एक और बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। कुत्ते ने बाजार से लौटते समय बच्ची को नोंचा था। जिसके बाद उसकी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। कुत्ते के नोचने से किशोरी की मौत होने के बाद पूरे गांव आसपास के इलाके में दहशत फैल गई।
करीब 20 दिन पहले आवारा कुत्तों ने चिलकाना के बुड्ढाखेड़ा गांव में एक मासूम बच्ची को नोंचकर मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद आवारा कुत्तों के आतंक सुर्खियों में आ गया था। इसके दो दिन बाद ही तीतरों में कुत्ते एक तीन साल की बच्ची को खींचकर ले गए थे। जिसके बाद बच्ची का कोई पता नहीं चला। ग्रामीणों ने आशंका जताई थी कि बच्ची को कुत्तों ने नोंच लिया है।
इसके बाद चिलकाना और शहर की सुंदर विहार कालोनी में दो बच्चों को कुत्तों ने नौंच लिया था। अब चिलकाना में कुत्ते ने बच्ची को नोंचकर एक 14 साल की किशोरी को कुत्ते ने नोंचकर मौत के घाट उतार दिया। यह एक माह की घटना नहीं है। इससे पहले भी सहारनपुर में में इस तरह की वारदात हो हो चुकी है। जिससे कुत्तों के आतंक पर सवाल खड़े होवेस्ट में रोज करीब छह सौ लोग होते हैं शिकार
वेस्ट यूपी में में कुत्तों को आतंक छाया हुआ है। मेरठ-सहारनपुर मंडल के जिलों का हाल देखें तो करीब छह सौ लोगों के आसपास रोजाना आवारा आतंक यानी कुत्तों का शिकार हो रहे हैं। हालांकि, सभी जनपदों के जिला अस्पतालों में एंटी रेबीज के इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में हैं, जो पीड़ितों को लगाए जा रहे हैं।
बिजनौर में कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिले में पांच सालों में कुत्ते के काटने से 8 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों घायल हुए हैं। जिला अस्पताल में प्रतिमाह करीब ढाई हजार इंजेक्शन लोगों के लग रहे हैं।
सहारनपुर के जिला अस्पताल में प्रतिदिन 120 से 150 तक मरीज पहुंच रहे हैं। मरीजों के लिए इमरजेंसी में भी एंटी रैबिज इंजेक्शन उपलब्ध हैं। बुलंदशहर के जिला अस्पताल में रोजाना करीब 50 मरीज कुत्ता काटे के पहुंच रहे हैं। जिले में सुशीला बिहार में एक साथ बच्चों समेत पांच लोगों को काटने की घटना हुई थी। नरसेना में भी पांच लोगों को घायल कर दिया था।
बागपत में कुत्तों का आतंक है। यहां जिला अस्पताल के साथ ही सभी छह सीएचसी पर रोजाना 60 से 70 लोग रेबीज के इंजेक्शन लगवानेपहुंच रहे हैं। मुजफ्फरनगर में पिछले महीने गांधी कॉलोनी में एक कुत्ते ने कई लोगों को काट लिया था।
हापुड़ जनपद में भी कुत्तों का आतंक है। गढ़ रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए 60 से 70 मरीज पहुंच रहे हैं।
चिलकाना में अब तक तीन बच्चों की मौत
चिलकाना क्षेत्र में कुत्तों का सबसे अधिक आतंक है। चिलकाना में अब तक तीन बच्चों को कुत्ते मौत के घाट उतार दिया गया है। वहीं, पूरे जिले में 12 से अधिक घटनाए हो चुकी हैं।
किशोरी को नोंचने वाला कुत्ता था पालतू
बताया जा रहा है कि किशोरी साहिबा को नोंचने वाला कुत्ता पालतू था। बच्ची की मौत के बाद कुत्ते के मालिक ने परिजनों से मिलकर इस बात पर दुख व्यक्त किया था।