कुशीनगर के कप्तानगंज इलाके में कुछ युवकों ने चलती कार में किशोरी के साथ गैंगरेप किया। चार युवकों ने हाथ में चाकू लेकर दुपट्टा खींचकर जबरन कार में बैठाया। किशोरी घर जाने देने की विनती करती रही, लेकिन आरोपियों का दिल नहीं पसीजा।
परिवार का आरोप है कि पीड़िता के पिता ने दो बार थानें जाकर आपबीती सुनाई, लेकिन पिता के तहरीर देने के बावजूद भी कप्तानगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। जब लड़की को खींचकर कार में बैठाने का वीडियो 15 दिन बाद रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। तब जाकर पुलिस हरकत में आई और मुकदमा दर्ज किया। घटना नौ सितम्बर की बताई जा रही है। रविवार देर शाम गांव के तीन नामजद और एक अज्ञात युवक के विरुद्ध इस मामले में मुकदमा दर्ज कर तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गांव के बाहर छोड़कर फरार हुए आरोपी
पीड़िता की पिता ने तहरीर में बताया कि 9 सितंबर को गांव के एक युवक ने नाबालिग बेटी को बहाने से यज्ञशाला पर बुलाया। इसके बाद चाकू दिखाकर बेटी को झोपड़ी में ले गया और उसके साथ रेप किया। यहां से वह बेटी को कार में बैठाकर हाटा लेता गया, वहां पहले से मौजूद तीन अन्य युवक कार में सवार हो गए। शराब और सिगरेट पीने के बाद मोबाइल में अश्लील वीडियो देखकर उसके साथ चलती कार में गैंगरेप किया। इसके बाद देर रात बेटी को गांव के बाहर छोड़कर आरोपित फरार हो गए।
तीन आरोपी गिरफ्तार
पिता ने बताया कि बेटी से मिली जानकारी के बाद उन्होंने दो बार थानें में शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। रविवार को घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में युवती के गले में दुपट्टा फंसाकर युवक खींचते हुए कार की ओर ले जा रहा है। दो युवक अगल-बगल से आकर गाड़ी में बैठ रहे हैं। एक युवक ड्राइविंग सीट पर बैठा है। हालांकि इस वीडियो की NTTV BHARAT पुष्टि नहीं करता।
कुशीनगर में हाईवे पर जिस चलती कार में किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, उस कार को पुलिस ने आरोपी जहांगीर के घर से मंगलवार को बरामद कर लिया। फरार चल रहे अज्ञात चौथे आरोपी की पहचान पुलिस कर चुकी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर पुलिस टीम दबिश दे रही है। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया।
तीन पुलिस कर्मियों की मिली लापरवाही
पुलिस सुत्रों के मुताबिक, घटना में शामिल कार को बरामद कर लिया गया है। किशोरी का मेडिकल परीक्षण हो गया है। सस्पेंड किए गए इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह, दरोगा मंगेश मिश्रा और सिपाही अंतिमा सिंह की जांच करने का निर्देश खड्डा सीओ को दिया गया।