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रिटायर हो गए चर्चित एसपी राजेन्द्र सिंह, निर्भया केस से लेकर बंटी चोर केस में रहा अहम रोल

निर्भया कांड की जांच में शामिल और फेमस बंटी चोर को गिरफ्तार करने वाले दिल्ली के चर्चित राजेन्द्र सिंह रिटायर हो गए है। उन्होने धौला कुआं गैंग रेप को भी सुलझाया था। बता दें कि राजेन्द्र सिंह उन अफसरों में शामिल हैं जिस पर सभी पुलिस कमिश्नरों की उम्मीदें टिकी होती थीं। एसीपी राजेन्द्र सिंह 29 अक्टूबर को रिटायर हुए हैं। लेकिन तब से उनकी चर्चा लगातार हो रही है। सवाल यह है कि आखिर राजेन्द्र सिंह के रिटायर होने की इतनी चर्चा क्यों हो रही है?

तो चले बता दें कि 90 के दशक में दिल्ली के पॉश इलाकों में चोरी की वारदातें लगातार बढ़ रही थीं, चोर भी इतना शातिर था कि दर्जनों वारदात के बाद पकड़ में नहीं आ रहा था, लिहाजा उस चोर को पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई राजेन्द्र सिंह को। जल्द ही वह चोर पकड़ा गया, जिसका नाम था बंटी चोर। ये वही बंटी चोर है जिसके कारनामों पर ओए लकी, लकी ओए नाम की एक फिल्म भी बनाई गई थी।

वही एसीपी राजेन्द्र सिंह ने बंटी चोर को एक नहीं दो-दो बार गिरफ्तार किया थाष उसके बाद बंटी चोर के साथ-साथ राजेन्द्र सिंह और उनकी दाढ़ी वाली फोटो आये दिन टीवी और अखबारों में छपा करती थी।

वहीं साउथ दिल्ली के धौला कुआं इलाके में देर रात कॉल सेंटर से लौट रही लड़की के साथ गैंगरेप की वारदात से दिल्ली समेत पूरा देश दहल गया था। इस घटना को लेकर दिल्ली पुलिस की काफी फजीहत हो रही थी ऐसे में एक बार फिर राजेन्द्र सिंह सामने आए और मेवात से आरोपियों को गिरफ्तार किया। उन दिनों पुलिस के लिए मेवात में रेड डालना आसान नहीं होता था क्योंकि तब रेड के दौरान पुलिस पर हमला होना आम बात थी।

आखिर में बात 16 दिसम्बर की उस खौफनाक रात की। निर्भया गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। उस दौरान राजेन्द्र सिंह, साउथ दिल्ली के STF में तैनात थे। उस वक्त की डीसीपी साउथ छाया शर्मा का राजेन्द्र पर बहुत भरोसा था। राजेन्द्र सिंह ने उस केस में पूरी जान लगा दी और सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में बड़ी भूमिका निभाई थी।

दिल्ली में कितनी भी बड़ी वारदात हो जाए, पुलिस के बड़े अफसरों को हमेशा ही राजेन्द्र सिंह पर भरोसा रहा है। उनकी पहचान बेहद ईमानदार और अपने काम के प्रति समर्पित अफसर की रही। राजेन्द्र सिंह ने अपने विदाई सामारोह में कहा कि वो आने वाले समय में भी अपने मजबूत नेटवर्क का फायदा दिल्ली पुलिस को देते रहेंगे। फिलहाल वो अपने परिवार पर ध्यान देना चाहते हैं।