यूपी के हाथरस में बिटिया के साथ हुई हैवानियत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को हुई सुनवाई में पीड़ित परिवार व लापरवाही बरतने के आरोपी अफसरों के बयान दर्ज कर लिए गए। मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी। वहीं, अपना पक्ष रखने के लिए सरकार की तरफ से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया है। कोर्ट में सरकार का पक्ष अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने रखा।
बता दें कि सोमवार को दोपहर बाद शुरू हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व हाथरस के जिलाधिकारी- पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे जबकि पीड़ित पक्ष की तरफ से परिवार के पांच सदस्य मौजूद रहे। सभी ने जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस राजन रॉय के समक्ष अपना पक्ष रखा। दोनों ही पक्षों का बयान दर्ज करने के बाद अगली सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख तय की गई। इसके पहले कड़ी सुरक्षा के बीच पीड़ित परिजनों को कोर्ट परिसर लाया गया। इस दौरान आसपास बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी बल तैनात था। पीड़ित पक्ष के कोर्ट पहुंचने के बाद प्रदेश के डीजीपी कोर्ट परिसर पहुंचे। परिवार की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए 66 सुरक्षाकर्मी पीड़ित परिवार ने अपनी जान का खतरा बताया था जिस पर पीड़िता के गांव में भारी भरकम सुरक्षा बल तैनात किया गया है। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि परिवार की सुरक्षा के लिए घर पर 66 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और आठ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
पीड़ित परिवार को सुबह करीब 11 बजे लखनऊ लाया गया। जहां उन्हें भारी सुरक्षा के बीच उत्तरखंड भवन में ठहराया गया। दरअसल, मामले की चर्चा पूरे देश में होने के बाद सभी की नजरें इस पर लगी हुई हैं। पीड़िता की लाश को परिजनों के विरोध के बावजूद आधी रात को जला देने से पूरा प्रशासनिक महकमा सवालों के घेरे में आ गया है।