महाराष्ट्र से शुरू हुआ अजान के बदले हनुमान चालीसा का पाठ का विवाद अब भगवान शिव शंकर की नगरी काशी तक भी पहुंच गया है। यहां लोगों ने घर की छतों पर लाउडस्पीकर लगाकर अजान के वक्त हमुमान चालीसा का पाठ किया। तो वहीं, अब इस विवाद में वाराणसी के साधु-संत भी कूद गए हैं।
सिद्धपीठ पातालपुरी मठ के महंत बालकदास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर लाउडस्पीकर पर अजान देना सही है तो हनुमान चालीसा का पाठ क्यों नहीं किया जा सकता?। उन्होंने आगे कहा कि अगर दिन में पांच बार अजान होती तो हम दिन में 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ लाउडस्पीकर पर करेंगे।
महंत बालकदास ने कहा कि जब कोर्ट ने लाउडस्पीकर पर अजान न करने की बात कही है तो उसका सम्मान सभी को करना चाहिए। लेकिन अगर इसे कोई नहीं मानता तो हम भी अपने धार्मिक कार्य में इसका इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने बोलते हुए कहा कि जब बारावफात और ताजिए निकलते हैं तब कोई विरोध नहीं होता। लेकिन हिंदू धार्मिक यात्रा और प्रसार पर सवाल उठाए जाते हैं।
आपको बता दें कि वाराणसी के साकेत नगर कालोनी यानी संकट मोचन मंदिर के करीब बीजेपी नेता अपने मकान के ऊपर बकायदा लाउडस्पीकर लगा कर अजान के वक्त हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। साथ ही कई लोग घरों की छत पर पुस्तक लेकर पाठ करते हुए देख जा सकते है। हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले सुधीर सिंह की मानें तो पहले भी काशी के हर घरों और मन्दिरों में सुप्रभात और अलग-अलग भजन बजाए जाते थे, लेकिन पिछली सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट से आदेश लेकर इस पर रोक लगवा दी।
लेकिन यह रोक सिर्फ एक समुदाय पर लगी जबकि हर मस्जिदों में पांचों वक्त की नमाज तेज आवाज में होती चली आ रही है और उससे किसी को ध्वनि प्रदूषण नहीं होता। लिहाजा बनारस में अजान के समय हम हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। अजान के बदले हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले बीजेपी नेता सुधीर सिंह ने इसके लिए न सिर्फ लाउडस्पीकर अपने घर की छत पर लगवाया है बल्कि राम पताका भी फहराई है।