उत्तर प्रदेश के देवरिया में गांधी जयंती के दिन हुए खूनी संघर्ष को लेकर अब सीधा सीधा पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगने लगे हैं. इस तरह के आरोप खुद इस वारदात के शिकार हुए सत्यप्रकाश दुबे की बेटी ने लगाए हैं. कहा कि पुलिस और प्रशासन उनकी फरियाद पहले ही सुन लेता तो शायद ये नौबत नहीं आती. सत्यप्रकाश की बेटी शोभिता ने वारदात की इनसाइड स्टोरी बताते हुए कहा कि जमीनी रंजिश में इस वारदात को अंजाम दिया गया है. इस रंजिश की वहज पहले भी कई बार मारपीट हुई, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं किया.
मामला देवरिया जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव का टोला लेहड़ा का है. यहां 2 अक्टूबर की सुबह सत्यप्रकाश दुबे के घर पर प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई, वहीं थोड़ी देर बाद प्रेम यादव के समर्थकों ने सत्यप्रकाश दुबे के घर में घुस कर वहां मौजूद सभी छह लोगों पर जानलेवा हमला किया. इनमें सत्यप्रकाश, उनके दो बेटे और दो बेटी और पत्नी शामिल हैं. इस वारदात में पांच लोगों की तो मौके पर मौत हो गई, वहीं सत्यप्रकाश के एक बेटे की हालत नाजुक बनी हुई है. उसे इलाज के लिए गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
सत्यप्रकाश की बड़े बेटी शोभिता दुबे ने बताया कि वारदात के वक्त उनका एक भाई देवेश दुबे पूजा के लिए बलिया गया था. इसलिए उसकी जान बच गई. उसने बताया कि प्रेम प्रकाश ने साल2014 में उसके चाचा का अपहरण कराया था. इसी दौरान उसने चाचा के नाम की सारी जमीन अपने भाई के नाम बयनामा करा लिया था. शोभिता के मुताबिक उन्हें जब मामले की जानकारी हुई तो उसके पिता ने कोर्ट में केस कर दिया. इसके बाद प्रेमचंद यादव आए दिन असलहा दिखाकर धमकी देता था. यहां तक कि कई बार उसने मारपीट की भी कोशिश की है.
पहले भी कर चुका है मारपीट
शोभिता ने बताया कि प्रेमचंद यादव हमेशा उसके परिवार के साथ मार पीट करता और धमकी देता था. हर बार वह असलहे की दम पर उनकी फसल काट ले जाता था. वहीं जब भी मुकदमे की तारीख होती थी, वह उसके पिता को असलहे की दम पर धमकाते हुए सुलह करने के लिए दबाव बनाता था. उसके पिता ने हर बार थाने में सूचना दी, लेकिन पुलिस कभी कोई कार्रवाई नहीं की.
इस बार भी मुकदमे की तारीख थी और वह उसके पिता को धमकाने के लिए उसके घर पहुंचा था. शोभिता ने मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है. कहा कि अब उसके दो भाई जिंदा बचे हैं, लेकिन इन्हें भी जान का खतरा है. इसलिए उनकी सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए. इसके अलावा शोभिता ने आर्थिक सहायता के साथ सरकारी नौकरी की मांग करते हुए आरोपियों के एनकाउंटर की गुहार की है.