सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने के लिए उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण का मतदान आज है। हर दल कुर्सी हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी हैं। कुर्सी की लड़ाई केवल सत्ता में नहीं है, बल्कि आगरा के कई सरकारी कार्यालय ऐसे हैं, जहां लोगों को अपनी कुर्सी खिसकने का डर है। ऐसे में उन्होंने कुर्सी को जंजीरों में कैद किया हुआ है। सालों से कुर्सियां कैद में हैं। कुर्सियों को जंजीरों में बांधने के पीछे का कारण भी बड़ा दिलचस्प है।
सरकारी कार्यालय में कैद में कुर्सी
सरकारी कार्यालय में पटल कब्जाने की लड़ाई तो सुनी है, लेकिन कुर्सियों को जंजीर में कैद करने का मामला भी सामने आया है। आगरा के जिला विद्यालय निरीक्षक ने कार्यालय में कुर्सियों में जंजीर डालकर ताला लगा दिया गया है। वहां आने वाले लोग इस नजारे को देखकर अचंभित हो जाते हैं। कार्यालय के कई कर्मचारियों ने अपनी कुर्सियों को जंजीर से बांध रखा है। इसी तरह आगरा विश्वविद्यालय में भी यह नजारा दिखाई देता है। यहां पर परीक्षा विभाग में तीन कुर्सियों को आपस में रस्सी से बांध दिया गया है।
कोई दूसरा न ले जाए कुर्सी
जब इन कार्यालय में कुर्सियों को बांधने के बारे में कर्मचारियों से बात कि तो सबने अलग-अलग कारण बताए। शिक्षा विभाग के कर्मचारी का कहना था कि लंबे समय से कुर्सियां जंजीर से बंधी है। इसके पीछे कारण है कि पहले विभाग में कुर्सी कम थीं, ऐसे में एक-दूसरे की कुर्सी उठाकर ले जाते थे। अपनी कुर्सी के लिए परेशान होना पड़ता था। वहीं, एक कर्मचारी ने बताया कि उनकी जो कुर्सी थी, वो टूटी थी। ऐसे में वो खुद अपनी नई कुर्सी खरीदकर लाए थे। शुरुआत में उनकी कुर्सी दूसरे लोग ले जाते थे। ऐसे मे उनसे कुर्सी मांगना अच्छा नहीं लगता था। ऐसे में कुर्सी को बांधकर रखना ठीक लगा।