मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे बीते दिन सामने आ चुके हैं। राज्य में 163 सीटें जीत कर बीजेपी सरकार बना रही है। वहीं कांग्रेस के खाते में 66 सीटें गई हैं। इस बार चुनाव में बीजेपी को 163 सीटें मिली, बंपर जीत के बाद अब सबकी नजर इस पर है कि मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। किसके सिर पर मध्य प्रदेश सीएम का ताज सजेगा। बता दें कि पार्टी ने इस बार चुनाव में शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर नहीं उतारा था। लेकिन शिवराज ने अपने स्तर पर काफी दमखम दिखाया और पार्टी को बड़ी जीत से नवाज दिया।
चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने प्रदेश में जोरदार प्रचार किया। सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए पार्टी को कई चेहरों को बदलना पड़ा और यहां तक 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को मैदान में उतारना पड़ा। 3 दिसंबर को जब परिणाम आया तो यह हर किसी के लिए चौंकाने वाला रहा क्योंकि कांग्रेस चुनाव में कड़ी टक्कर देने की जगह बुरी तरह से फ्लॉप रही। कहां वह सरकार बनाने का सपना संजोए हुए थी और कहां उसे 230 में से 70 सीटें ही मिली । मध्य प्रदेश में चुनाव के बाद अब चर्चा इस पर है कि यहां की कमान किसे मिलती है। सियासत के गलियारे में कुछ नाम तेजी से चर्चा में चल रहे हैं, अब बताते है कि किसकी संभावना ज्यादा नजर आ रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सबसे बड़ा नाम हैं और सीएम रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। शिवराज ने उस समय भी हिम्मत नहीं हारी जब पार्टी ने उन्हें चुनाव से पहले सीएम उम्मीदवार के रूप में नाम का ऐलान नहीं किया। साथ ही पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की जारी शुरुआती दो लिस्ट में उनका नाम तक नहीं रखा गया था। ऐसे में जिस अंदाज में पार्टी को बंपर जीत मिली है, शिवराज के दावे को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।
नरेंद्र सिंह तोमर भी दावेदार
नरेंद्र सिंह तोमर सीएम की रेस में दूसरा बड़ा नाम हैं। मुरैना जिले की दिमनी सीट से चुनाव लड़ने वाले नरेंद्र सिंह तोमर पीएम नरेंद्र मोदी के खास कहे जाते हैं। वह एक जमीनी नेता हैं और कम बोलने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भी अपने राजनीतिक करियर में सफर से शुरुआत करते हुए आगे का मुकाम हासिल किया है। वह केंद्र में 2014 से ही मोदी सरकार का हिस्सा हैं और इस समय कृषि मंत्री हैं। प्रदेश की सियासत में वह बड़ा नाम हैं।
संकटमोचक कैलाश विजयवर्गीय को मौका
मध्य प्रदेश के चुनाव में बीजेपी ने सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए खास योजना के जरिए 3 केंद्रीय मंत्रियों और 4 सांसदों के साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा था। विजयवर्गीय 10 साल बाद विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे और इस बार उनकी सीट अपेक्षाकृत कठिन थी, लेकिन उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए इंदौर-1 सीट से जीत हासिल की बल्कि कई अन्य सीटों पर अपने पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में रैली कर उनके पक्ष में जीत का माहौल बनाया। बंपर जीत के बाद अब उन्होंने भी खुद को अगले सीएम के रूप में दावेदार पेश कर दिया है।
प्रहलाद सिंह पटेल भी एक बड़ा नाम
प्रदेश की सियासत में नए सीएम की रेस में प्रहलाद सिंह पटेल भी शामिल है। पार्टी नेतृत्व ने इस बार केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को विधानसभा चुनाव में उतारा। उन्होंने पार्टी को निराश नहीं किया और नरसिंहपुर सीट से जीत हासिल कर खुद को सीएम की रेस में ला दिया। उन्होंने कांग्रेस ने लाखन सिंह पटेल को हराया।
शिवराज के मंत्री भी रेस में
सीएम की रेस के पांचवे भागीदार गोपाल भार्गव भी हैं। शिवराज सरकार में सीनियर मंत्री रहे गोपाल भार्गव ने रहली सीट से बड़ी जीत हासिल की है। उन्होंने 72,800 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव सागर जिले की रहली सीट से लगातार 9 चुनाव जीत चुके हैं इस बार चुनाव से पहले उन्होंने खुद भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई थी। अक्टूबर में उनका एक वीडियो वायरल भी हुआ जिसमें वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा का जिक्र कर रहे थे।