हमीरपुर: उत्तर प्रदेश सरकार जनपद हमीरपुर में ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की सुविधा के लिए राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित कर रही है। लेकिन चिकित्साललय का हाल क्या है इसे देख कोई भी हैरान हो जाएगा। चिकित्सालयों पर डॉक्टर तो है लेकिन वह महीनों महीनों आते नहीं..कंपाउंडर के सहारे सेवा चलाई जा रही है और ये हाल एक जगह का नहीं हर जगह का है। जिसके चलते ग्रामीणों ने जिले के जिम्मेदार क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी की बड़ी लापरवाही की आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने बताया कि तैनात चिकित्साधिकारी लगातार अस्पतालों से नदारत रहते हैं। जिससे चपरासी या फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल में मरीज चिकित्साधिकारियों का इंतजार करते रहते हैं। और ज्यादातर अस्पतालों के ताले लगे रहने से मरीजों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी जिले के जिम्मेदार अधिकारी मौन बैठे हुए हैं। ग्रामीणों ने लापरवाही व मनमानी करने वाले चिकित्साधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई न करने पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों ने पुनः उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
हमीरपुर जनपद के ग्राम पंचायत बजेहटा गांव के एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने बताया कि गांव में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में चिकित्साधिकारी डॉ० हितेंद्र आर्य और फार्मासिस्ट रामावतार की तैनाती है, लेकिन फार्मासिस्ट सप्ताह में तीन दिन अस्पताल खोलते हैं और चिकित्साधिकारी डॉ० हितेंद्र आर्य महीनो अस्पताल से गायब रहते हैं। जिससे गांव के मरीजों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि सितंबर 2024 में जिलाधिकारी से शिकायत कर निष्पक्ष जांच कर लापरवाह चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की थी। जिस पर जिलाधिकारी के निर्देश पर विभाग की जांच टीम गठित की गई। जिसमें डॉ० बलभद्र सिंह व टीम द्वारा गांव बजेहटा के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की जांच में डॉ० हितेंद्र आर्य लंबे समय से बिना किसी छुट्टी के नदारत पाए गए थे लेकिन लापरवाह व उदासीनता के चलते क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी और सीडीओ ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की। जिससे सितंबर 2024 से लेकर जो स्थिति पूर्व में थी वहीं आज भी ज्यों की त्यों स्थिति बनी हुई है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि डॉ० हितेंद्र आर्य विभाग से सिस्टम के चलते और फर्जी तरीके से मेडिकल बनवाकर अपने आपको बचा लेता है। जिससे उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे लापरवाह चिकित्साधिकारी लंबे समय से अनुपस्थित रहने के बाद भी विभाग की मेहरबानी से बराबर वेतन निकाला जा रहा है। आरोप है कि चिकित्साधिकारी माह में एक या दो बार आने पर पूरे माह की रजिस्टर्ड में उपस्थित भर दी जाती है। जिससे ग्रामीणों ने जांच टीम सहित क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी की बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया है।
इसी प्रकार जिले के पचखुरा गांव के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ० वंदना, कम्हरिया गांव के अस्पताल में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ० जितेंद्र और विदोखर पुरई में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ० विनीता भारती महीनों अस्पताल से गायब रहने का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि फर्जी तरीके से बीमारी का बहाना बनाकर फर्जी मेडिकल बनवाकर चिकित्साधिकारी महीनो गायब रहते हैं। जिससे मरीज अस्पताल के चक्कर लगाते रहते हैं। इसके बावजूद क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी लापरवाह चिकित्सकों पर आखिर क्यों मेहरबान है। सिर्फ जांच और कार्रवाई का झूठा हवाला देकर विभाग के जिम्मेदारों द्वारा खानापूर्ति कर दी जाती है। जिससे ग्रामीणों ने विभाग के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ० निरेंद्र बहादुर सिंह और मुख्य विकास अधिकारी चंद्रशेखर शुक्ला द्वारा लापरवाही व मनमानी करने वाले चिकित्साधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई न करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
ग्रामीणों ने पुनः उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई की मांग की है। मामले में सीडीओ चंद्रशेखर शुक्ला और क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ० निरेंद्र बहादुर सिंह से बात की तो उन्होंने पुनः कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन देखने वाली बात यह है कि क्या जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा क्या एक बार फिर से जांच और कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जाएगी।