मेरठ जिले में हर रोज जाम से जूझ रही ट्रैफिक पुलिस की ज्यादती सामने आई है। बीमार पत्नी को दिखाने आए चार्टड अकाउंटेंट की कार को नो पार्किंग में खड़ा होने पर ट्रैफिक पुलिस की क्रेन ने उठा लिया। उस वक्त कार में सीए भी बैठे थे। वह चीखते-चिल्लाते रहे, पर किसी ने एक नहीं सुनी। क्रेन एक किमी से ज्यादा कार खींचते हुए उसे पुलिस लाइन तक ले गई।
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चाणक्यपुरी निवासी विक्रांत त्यागी बसपा नेता और चार्टड अकाउंटेंट हैं। वह रेलवे, गेल, बीएसएनएल सहित कई कंपनियों में कॉन्ट्रेक्टर भी हैं। विक्रांत के अनुसार पत्नी नेहा त्यागी बीमार हैं। उनका ऑपरेशन होना है। बुधवार को वह कचहरी पुल स्थित डॉ. कानन त्यागी के यहां पत्नी को दिखाने लाए। डॉक्टर की सलाह पर कुछ जांच कराने के लिए बच्चा पार्क स्थित लैब पर आ गए। उन्होंने कार मेट्रो हॉस्पिटल के सामने खड़ी कर दी। विक्रांत के अनुसार इतने में ट्रैफिक पुलिस की क्रेन आई और नो पार्किंग में बताकर उनकी कार उठा ली। विक्रांत ने शोर भी मचाया लेकिन एक नहीं सुनी। क्रेन कार को उठाकर पुलिस लाइन ले आई। इस बीच विक्रांत ने मोबाइल से पूरे घटनाक्रम की वीडियो बना ली। पुलिस लाइन आकर उन्होंने हंगामा कर दिया। मौके पर ट्रैफिक इंस्पेक्टर आ गए। उन्होंने समझा-बुझाकर मामला शांत किया और बिना चालान काटे विक्रांत को भेज दिया। शाम को सोशल मीडिया में जब यह वीडियो वायरल हुई तो मामला सामने आया।
यह है नियम :
नियम है कि यदि कार में कोई शख्स बैठा है तो ट्रैफिक पुलिस की क्रेन उसे नहीं उठाएगी। ऐसे व्यक्ति की कार का नो पार्किंग में होने पर हाथोंहाथ चालान काट दिया जाएगा। क्रेन को सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को उठाने का आदेश है जो रास्ता बाधित कर रही हों।
एंबुलेंस के आगे थी कार :
क्रेन में बैठे दोनों कांस्टेबलों का तर्क था कि यह कार हॉस्पिटल के सामने एंबुलेंस के आगे खड़ी थी। इससे एंबुलेंस नहीं निकल पा रही थी। सूचना पर वे मौके पर आए और कार उठा लाए। सुनील कुमार, ट्रैफिक इंस्पेक्टर का कहना था कि सड़क के बीचोंबीच खड़ी कार को क्रेन ने उठाया और पुलिस लाइन के लिए लेकर चल दी। क्रेन 200 मीटर चली होगी तभी कार मालिक भागकर आया और चलती कार में बैठ गया। पूरे मामले में गुरुवार को जांच रिपोर्ट एसपी ट्रैफिक को दी जाएगी।