नशे में धुत होकर चलती कार में अवैध पिस्टल लहराना दो पुलिसकर्मियों को भारी पड़ गया। राहगीरों की सूचना पर घूरपुर पुलिस ने चेकिंग लगाकर सिपाही कुशल द्विवेदी, अब्दुल आरिफ सिद्दीकी और चालक मोहसिन सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से कार और अवैध पिस्टल बरामद की गई। एसएसपी ने दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया, फिर उन तीनों को जेल भेज दिया गया।
एएसपी ने नाकाबंदी कर कार में सिपाहियों समेत तीनों को दबोचा था
पुलिसकर्मियों की इस बेहूदा हरकत को एएसपी चिराग जैन ने उजागर किया। चिराग घूरपुर थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष हैं। फतेहपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित न्यू कालोनी ज्वालागंज निवासी अब्दुल आरिफ 2001 बैच का सिपाही है। जबकि कुशल द्विवेदी मोतीयारी थाना नरैनी जनपद बांदा का निवासी है। दोनों प्रयागराज शहर कोतवाली थाने में तैनात थे। शाहगंज थाने के ऊपर बनी बैरक में रहते थे। दोनों सिपाही बुधवार रात साउथ मलाका में रहने वाले मोहसिन सिद्दीकी के साथ उसकी कार में जा रहे थे। रास्ते में सिपाहियों को पिस्टल लहराते हुए राहगीरों ने देखा तो पुलिस को खबर दी। थोड़ी ही देर में एएसपी चिराग जैन ने घूरपुर थाने के बाहर बैरिकेडिंग लगवाकर चेकिंग शुरू कर दी और फिर कार में सिपाही सहित तीनों को पकड़ लिया।
तलाशी में कार से पिस्टल मिली। एएसपी ने बताया कि सिपाही नशे में धुत थे। पूछताछ में बताया कि कुशल की बीमार मां को देखने के लिए वे तीनों कार में महोबा जा रहे थे। अब्दुल थाने से गैरहाजिर था, जबकि कुशल ड्यूटी खत्म करने के बाद रवाना हुआ था। मगर अवैध पिस्टल के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जानकारी एसएसपी को मिली तो उन्होंने सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। फिर तीनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार शाम कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। एसएसपी अजय कुमार का कहना है कि दोनों सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आपराधिक प्रवृत्ति के पुलिसकर्मियों, अपराधियों से सांठगांठ रखने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।