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Udhayanidhi Stalin

तमिलनाडु CM के बेटे Udhayanidhi Stalin ने सनातन धर्म को बताया डेंगू-मलेरिया, पूरे देश में हाहाकार, कंग्रेस ने झाड़ा पल्ला

जाती और धर्म को लेकर पिछले काफी समय से अलग अलग पार्टी के नेता कई बार ऐसी विवादित टिप्पणी करते रहते हैं जिस पर बवाल होना लाजमी है। अब इसी बीच एक और नेता ने धर्म को लेकर टिप्पणी की है। दरअसल बात ये है कि बीते दिनों तमिलनाडु सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने सनातन धर्म पर विवादित बयान दिया है। उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के इस बयान पर काफी ज्यादा विरोध हो रहा है। कई लोगों ने इसकी कड़ी निंद करते हुए इस पर कर्रवाई करने की मांग की है। वहीं कई बीजेपी (BJP) सहित कई लोगों ने इसका विरोध किया है। सिर्फ इतना ही नहीं कांग्रेस ने उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के बयान से किनारा कर लिया है।

हालांकि अब इस विवाद पर उदयनिधि स्टालिन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। डीएमके नेता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘वे सनातन धर्म की आलोचना के बयान पर कायम हैं, लेकिन उन्होंने कभी नरसंहार का आह्वान नहीं किया।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उदयनिधि ने मीडिया से बात करते हुए अपने बयान पर सफाई दी और कहा कि, कुछ लोग बचकानी बात कर रहे हैं कि, मैंने नरसंहार के लिए कहा है, क्या जब पीएम मोदी कांग्रेस मुक्त भारत कहते हैं तो क्या इसका मतलब है कि, कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए?

इस दौरान डीएमके नेता ने एक बार फिर अपने बयान का समर्थन किया और कहा कि, ‘मैं फिर से कह रहा हूं कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए। ये बात मैं लगातार कहूंगा।’

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि, सनातन क्या है? सनातन का अर्थ है कुछ भी बदला नहीं जाना चाहिए और सारा कुछ स्थायी हैं। लेकिन द्रविड़ मॉडल बदलाव की बात करता है और कहता है कि सभी को समान होना चाहिए। बीजेपी मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। फर्जी खबरें फैलाना उनका सामान्य काम है।

उदयनिधि ने कहा कि, वे मेरे खिलाफ जो भी केस दायर करेंगे, मैं उसका सामना करने के लिए तैयार हूं। बीजेपी इंडिया गठबंधन से डरी हुई है और इसी को भटकाने के लिए वे यह सब कह रहे हैं। डीएमके की नीति ‘एक कुल, एक भगवान’ है।

क्या था उदयनिधि स्टालिन का बयान

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते 2 सितम्बर को चेन्नई में आयोजित एक सम्मेलन में पहुंचते थे। इस दौरान उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी। साथ इसे खत्म करने को कहा था। उन्होंने कहा कि, कुछ चीजें हैं, जिन्हें हमें खत्म करना है और हम सिर्फ विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू, कोरोना और मलेरिया ऐसी चीजें हैं, जिनका हम विरोध नहीं कर सकते। हमें उन्हें खत्म करना है। सनातनम (सनातन धर्म) भी ऐसा ही है। सनातन का विरोध नहीं, बल्कि उन्मूलन करना हमारा पहला काम है।

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने उदयनिधि के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि, ‘उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है। उनका मानना है कि इसका न केवल विरोध किया जाना चाहिए, बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए, संक्षेप में, वह सनातन धर्म को मानने वाली भारत की 80% आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं।’

जे.पी. नड्डा ने घेरा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने उनके बयान पर कहा कि, स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन का कहना है कि, ‘सनातन धर्म’ को खत्म कर देना चाहिए। उनका कहना है कि डेंगू और मलेरिया की तरह ‘सनातन धर्म’ को भी खत्म कर देना चाहिए। उन्हें ऐसे बयान देने में कोई झिझक नहीं है। क्या उदयनिधि का बयान INDIA गठबंधन की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।

वहीं केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि, दो दिन से आप सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। INDIA के दो प्रमुख दल DMK और कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता कह रहे हैं कि, सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। इन लोगों ने वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए हमारी संस्कृति का अपमान किया है।

आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने रविवार को कहा कि, देश में नफरत फैलाने वाले राजनेताओं पर लगाम लगनी चाहिए। यह मानवता, वैश्विकता और लोकतंत्र का सूत्र है कि हम एक बहु-धार्मिक देश हैं। अपने धर्म का पालन करें, दूसरे के धर्म का अपमान न करें और उसका सम्मान करें।

राम जन्मभूमि के प्रमुख पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि, सनातन धर्म को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं किया जा सकता है। ये धर्म सदियों से चला आ रहा है और सदियों तक चलता रहेगा। उदयनिधि को सनातन का असल मतलब नहीं पता है। वे जो भी कह रहे हैं वो बिल्कुल गलत है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने कहा कि, हमारा रुख स्पष्ट है। कांग्रेस न तो किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर टिप्पणी करती है और न ही इसमें विश्वास रखती है। उन्होंने कहा- हम किसी और के बयान की जिम्मेदारी नहीं ले सकते।

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