रिपोर्ट: अतुल यादव
कासगंज: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के चोर कितना भी शातिर क्यों न हो, वह कोई न कोई चोरी करते वक्त साक्ष्य छोड जाता है, यह कहावत कासगंज जनपद की एसओजी टीम पर सटीक बैठ रही हैं। दरअसल कासगंज पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर के निर्देश पर जुआरियों के ठिकाने पर की गई एसओजी और सदर पुलिस की कार्रवाई में बडा कारनामा सामने आया है। पुलिस टीम की संयुक्त कार्रवाई में बरामद रकम और गिरफ्तार जुआरियों में घालमेल का मामला सामने ही नहीं आया, बल्कि जारी किए गए पुलिस द्वारा प्रेसनोट के आकंडो को भी गलत दर्शाया गया है।
दरअसल कासगंज एसपी मनोज कुमार सोनकर चाहते हैैं, कि जनपद भर में जुआ सटटे के अवैध कारोबार का नेस्तानाबूद किया जाये, लेकिन उनके ही नुमाइदें उनके अरमानों को पलीता लगा रहे हैं। ऐसा ही मामला कासगंज एसओजी और पुलिस द्वारा शहर के भूतेष्वर स्थित प्रेमपाल के घर पर की गई छापामार कार्रवाई में देखने को मिला है, चर्चाए हैं कि एसओजी और सदर पुलिस की टीम ने प्रेमपाल के घर पर चल रहे जुआ के फड पर छापा मारा था, यहां से पुलिस ने 22 लोगों को गिरफ्तार किया था, परंतु पुलिस टीम ने छह लोगों को छोड दिया, जबकि 15 लोगों को फर्द में दाखिल कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया, जब इस मामले की जानकारी मीडिया कर्मियो को हुई तो आनन फानन में पूर्व में छोडे गए जुआरियों को जारी प्रेसनोट में 15 दर्शाकर पीआरओ प्रेसनोट में 22 की गिरफ्तारी दिखा दी।साथ ही लाखो रूपये की बरामदगी में पहले में 32 हजार 55, दूसरे प्रेसनोट में 35 हजार 55, पीआरओ सेल में जारी किए गए तीसरे प्रेसनोट में 22 लोगों की गिरफ्तारी दिखाकर 38 हजार 55 रूपये की गिरफ्तारी दिखा दी।साथ ही उन्होंने पहले 15 जुआरियों को मीडिया के सामने रखा बाद में छोडे गए छह लोगों की फोटो पीआरओ सेल डालकर मीडिया को अवगत कराया।
ऐसे में साफ जाहिर होता हैैं, कहीं न कहीं एसओजी और सदर कोतवाली पुलिस अपने ही बिछाये हुए जाल में फसती नजर आ रही है। साथ ही चोर कितना भी शातिर क्यों न हो, वह कोई न कोई चोरी करते वक्त साक्ष्य छोड जाता है, उक्त लाइन कासगंज जनपद की एसओजी और पुलिस टीम पर सटीक बैठ रही है।इस मामले को लेकर सदर सीओ जांच पड़ताल कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात कह रहे हैं।
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