प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के बहुचचित उमेश पाल हत्याकांड में गिरफ्तार नफीस बिरयानी को बीते दिन रविवार की रात हार्ट अटैक आया था। आनन फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। माफिया डॉन अतीक अहमद के फाइनेंसर नफीस बिरयानी को 22 नवंबर को ही प्रयागराज में धूमनगंज थाने की पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसके पैर में गोली मारी थी। जिसके बाद अदालत में पेश कर नैनी जेल भेज दिया गया था।
पुलिस के मुताबिक नैनी जेल से देर रात सूचना मिली थी कि नफीस बिरयानी की तबियत खराब है और उसे स्वरुप रानी नेहरु अस्पताल ले जाया जा रहा है। इस सूचना के बाद पुलिस टीम भी अस्पताल पहुंची। वहां पता चला कि नफीस को मेजर अटैक आया था। इससे उसकी तबियत बहुत खराब हो गई थी। उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने मेडिकल कार्डियोलॉजी के ICU में भर्ती कर इलाज शुरू किया, लेकिन रात में करीब एक बजे उसकी मौत हो गई।
नफीस चलाता था पान की दुकान
नफीस बिरयानी पहले सिविल लाइन में पान की दुकान चलाता था, लेकिन अशरफ के संपर्क में आने पर उसने बिरयानी की शॉप खोली। उसकी बिरयानी की शॉप धीरे-धीरे ब्रांड बन गई और उसने फ्रेंचाइजी देना भी शुरू कर दिया था। पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नफीस बिरयानी की एक महीने की कमाई 2 करोड़ के आसपास थी। जिसमें से कमाई का लगभग चौथाई हिस्सा 40 से 50 लाख रुपये नफीस हर महीने अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन को पहुंचाता था।
देखता था अतीक अहमद के परिवार का मैनेजमेंट
अतीक अहमद और अशरफ के जेल में रहते माफिया अतीक अहमद के परिवार का मैनेजमेंट भी नफीस बिरयानी ही देखता था। 39 वर्षीय नफीस बिरयानी गुलाब बाड़ी कॉलोनी खुल्दाबाद का रहने वाला है, लेकिन मौजूदा समय में वह जीटीबी नगर करेली में रहता था। 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल और दो सरकारी गनर हत्याकांड में जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल हुआ था वह क्रेटा कार नफीस बिरयानी की थी।
बता दें कि नफीस बिरयानी माफिया डॉन अतीक अहमद के भरोसेमंद लोगों में से एक था। एक तरह से वह अतीक का फायनेंसर था। उसका नाम उमेश पाल हत्याकांड में भी सामने आया था। इस संबंध में प्रयागराज की धूमनगंज थाने की पुलिस ने उसी समय नफीस के खिलाफ केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी थी। चूंकि उस समय यह शातिर बदमाश फरार हो गया था, इसलिए पुलिस ने इसके खिलाफ इनाम भी घोषित किया।
इसी बीच 22 नवंबर को पुख्ता इनपुट मिलने पर पुलिस ने इसकी घेराबंदी की और मुठभेड़ के दौरान उसे धर दबोचा था। पुलिस के मुताबिक नफीस के बाएं पैर में गोली लगी थी। इसलिए दो दिन तक उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक उसी समय नफीस बिरयानी नैनी जेल में बंद था। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी तबियत खराब रह रही थी।