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UP: डॉयल 112 की महिला संविदाकर्मियों का सरकार के खिलाफ हल्लाबोल, सरकार ने नहीं मानी बात तो डॉयल 112 का सिस्टम होगा जाम

उत्तर प्रदेश में जब भी कोई मुसीबत में फंसता है तो वह सबसे पहले डॉयल 112 पर फोन करता है और चंद मिनटों में उत्तर प्रदेश पुलिस उसके सामने होती है। यूपी पुलिस की पुलिसिंग को बेस्ट बनाने में डॉयल 112 का सबसे बड़ा योगदान है और डॉयल 112 को सफल बनाने में योगदान है, उन महिला संविदाकर्मियों का जो दिन रात जनता की सेवा में तत्पर रहती है। लेकिन सोमवार को वो महिला संविदाकर्मी अपना काम छोड़ प्रदर्शन पर उतर आई।

महिला संविदा कर्मियों ने लखनऊ स्थित डॉयल 112 के हेड क्वार्टर के सामने योगी सरकार के खिलाफ हल्लाबोल दिया। महिला कर्मियों ने प्रदर्शन पर उतरने का कारण देर में सैलरी मिलना, चार से सैलरी का ना बढ़ना और बिना लिखित बेहिसाब काम लेना बताया। महिला संविदा कर्मियों का कहना है कि, वह चार साल से जनता की सेव में तत्पर है। लेकिन उनकी सैलरी 12 हजार रूपए से ज्यादा बढ़ ही नहीं रही। सभी विभागों के कर्मचारियों की सैलरी हर साल बढती है। बोनस हर साल मिलता है, लेकिन उन्हें सिर्फ 12 हजार वो भी कई महीनों की लेट लपेट पर। ऐसे में सभी महिला संविदा कर्मियों की मांग है कि, उनकी सैलरी 12 हजार से 18 हजार की जाए, वह भी दीवाली से पहले।

साथ ही उन्हें आपाइंटमेंट लेटर दिया जाए, ताकि वह अपने अधिकार की लड़ाई लड़ पाए। दीवाली का पर्व नजदीक है। ऐसे में अभी तक वेतन न मिलने के चलते कर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं संविदाकर्मियों के धरने पर चले जाने की खबर मिलते ही अफसरों में हड़कंप मच गया। एडीजी 112 भी मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहीं महिला कर्मचारियों को समझाने का काफी प्रयास किया। लेकिन संविदाकर्मी अपनी मांगों पर अड़े रहे।

वहीं डॉयल 112 को संभालने वाली महिला कर्मियों का प्रदर्शन देख तमाम नेताओं ने योगी सरकार पर हमला बोल दिया। इस क्रम में अखिलेश यादव ने 112 के पुराने नाम डॉयल 100 का जिक्र करते हुए लिखा यूपी में भाजपा सरकार का अपराध के प्रति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ इसलिए ज़ीरो हो गया है, क्योंकि भाजपा सरकार ‘डायल 100’ तक को उनका वेतन नहीं दे पा रही है, जिससे मजबूर होकर कर्मियों को धरने पर बैठना पड़ रहा है।

सवाल ये है कि प्रदेश का ख़ज़ाना कौन खा जा रहा है। अब इस घपले-घोटाले की शिकायत किस ‘डायल 100’ पर की जाए। वेतन न देकर, कम से कम दिवाली पर तो भाजपा सरकार लोगों के घरों में अंधेरा न करें। आपको बता दें कि, अगर जल्दी से अधिकारी महिला संविदाकर्मियों को काम पर लौटाने में सफल नही हुए तो पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए बड़ा चैलेंज खड़ा हो जाएगा। क्योंकि डायल 112 शांति व्वस्था बनाने में राम बाण मानी जाती है।

ब्यूरो रिपोर्ट NTTV BHARAT

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