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UP Flood: यूपी में रौद्र रूप में आईं गंगा-यमुना, खतरे के निशान के करीब, बागपत-बिजनौर के गांवों में घुसा पानी

यूपी-उत्तराखंड समेत पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखने लगा है. बारिश के चलते नदियां नाले उफान पर हैं, जिसके चलते मैदानी इलाकों में नदियों के आसपास के जनपदों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. बारिश की वजह से गंगा और यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. नदियों के बढ़ते जलस्तर की वजह से कई जनपदों में यमुना और गंगा किनारे बसे जनपदों पर बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं.

हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड तोड़ बढ़ गया है. हालात भयावह हो गए हैं. मथुरा में यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. आज सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर 165.34 तक पहुंच गया है. जो खतरे के निशान से थोड़ा सा ही कम रह गया है. मथुरा में यमुना के खतरे का निशान 166.0 मीटर पर है. यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से मथुरा में यमुना किनारे के इलाकों में पानी घुस गया है, जिसकी वजह से आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा हैं.

बागपत में तटबंध टूटने से गांव में घुसा पानी
यमुना के बढ़े जलस्तर की वजह से बागपत में तटबंध टूट गया, जिससे दो गांवों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. किसानों के खेतों में पानी भर गया है, यहां के हालात चिंताजनक बताए जा रहे हैं. वहीं बिजनौर के भी कई गांवों में पानी घुस गया. यहां पर लगातार कटान हो रहा है, जिसे बढ़े हुए जलस्तर की वजह से रोकना मुश्किल हो गया है. बढ़े हुए जलस्तर की वजह से यहां के हालात खराब हो गए हैं.

प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ा
प्रयागराज की बात करें तो यहां बीते 24 घंटे में फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 12 सेंटीमीटर और छतनाग में 13 सेंटीमीटर बढ़ गया है जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़ा है. सुबह 8:00 बजे गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 77.85 और छतनाग में 74.41 मीटर दर्ज किया गया. जबकि सुबह 8:00 बजे यमुना नदी का नदी में जलस्तर 74.80 मीटर रिकॉर्ड किया गया. दोनों नदियों का डेंजर लेवल 84.734 मीटर है.

बाढ़ के हालात को देखते हुए बाढ़ कंट्रोल रूम से लगातार 24 घंटे गंगा यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. गंगा नदी में हरिद्वार बैराज से 97249 क्यूसेक, नरौरा डैम से 170574 क्यूसेक और कानपुर डैम से 106424 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. 5 दिन में यह पानी प्रयागराज पहुंचने पर गंगा और यमुना नदियां उफान पर होंगी. नाविकों को भी श्रद्धालुओं को लेकर गहरे पानी की ओर ना जाने के निर्देश दिए गए हैं. बगैर लाइफ जैकेट नावों के संचालन पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है.

प्रयागराज में स्नान घाटों पर डीप वाटर बैरिकेटिंग के साथ ही जल पुलिस और गोताखोर तैनात किए गए हैं. तीर्थ पुरोहित, घाटिए और दुकानदार भी सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं. हालांकि अभी दोनों नदियां डेंजर लेवल से काफी नीचे बह रही हैं.

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