आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में मंगलवार को 12वीं के छात्र ने दोस्त और टीचर की ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर सुसाइड कर लिया। दोस्त और टीचर छात्र से रुपए ले रहे थे। जब घरवालों को इसका पता चला, तो छात्र ने खुदकुशी कर ली। मामला शमसाबाद के गोपालपुरा गांव का है।
घरवालों का आरोप है कि वो थाने भी गए थे, लेकिन पुलिस ने सुबह आने की बात कह कर टाल दिया। छात्र ने सुसाइड नोट में लिखा है- मुझे माफ करना, मेरे छोटे भाई को प्यार देना…उसे खूब पढ़ाना।
”उन लोगों को एक लाख रुपए दे चुका है”
राम खिलाड़ी ने बताया, “मेरा नाती अनमोल कक्षा-12 में पढ़ता था। पांच-छह दिन से वह बहुत गुमसुम और परेशान था। पूछने पर कुछ बता भी नहीं रहा था। 25 जनवरी को मेरे बेटे के मोबाइल पर बैंक से रुपए निकलने का मैसेज आया।
बेटे ने अनमोल से इसके बारे में पूछा। उसने बताया कि मधुपुर में रहने वाला उसका दोस्त जतिन और उसके ट्यूशन के टीचर शिवेंद्र उसे परेशान कर रहे हैं। वो उससे रुपए की मांग करते हैं। जतिन धीरे-धीरे करके उससे करीब एक लाख रुपए ले चुका है। इसके बाद भी उसे परेशान कर रहा है। उसके टीचर भी उससे रुपए मांगते हैं। अब भी वो रुपए मांग रहे हैं। इसलिए उनको ऑनलाइन रुपए भेजे हैं।”
यह नहीं बताया कि क्यों परेशान करते हैं
उन्होंने बताया, “मैंने जतिन से फोन पर बात की, तो उसने कहा कि वो रुपए वापस कर देगा। टीचर शिवेंद्र ने भी रुपए वापस करने की बात कही। उन्होंने 2 हजार रुपए भी वापस कर दिए। मगर, जतिन अपनी बात से मुकर गया। इसके बाद मैं अपने नाती को लेकर 26 जनवरी की रात को शमसाबाद थाने गया। हमने पुलिस को पूरी बात बताई।
वहां मौजूद पुलिस ने हमसे कहा कि अभी थाने में कोई नहीं है। सुबह आकर लिखित में शिकायत दे देना। अगले दिन मेरे नाती का पेपर था। इसलिए हम लोग थाने नहीं जा पाए। इसके बाद से अनमोल तनाव में था। उसने ये नहीं बताया कि जतिन और शिवेंद्र उसे परेशान क्यों कर रहे हैं। उसका कहना था कि वो उससे उधार रुपए मांगते हैं।”
सुबह घर में लगा ली फांसी
वही जब सुबह अनमोल के पिता अपनी दुकान पर थे। उसकी मां भी स्कूल चली गई थीं। घर पर वो अकेला था। इसी बीच सुबह करीब साढे़ 11 बजे अनमोल ने फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। घरवाले जब वापस आए, तो देखा वह फंदे से झूल रहा था। उसके पास एक सुसाइड नोट भी मिला है।
इसके बाद नाराज परिजनों ने शव को रोड पर रखकर जाम लगा दिया। उनका आरोप था कि पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की। पुलिस अगर कार्रवाई कर आरोपियों को पकड़ लेती, तो उनका बच्चा आत्महत्या करने पर मजबूर नहीं होता। उनकी मांग है कि आरोपी छात्र और टीचर को गिरफ्तार किया जाए।