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UP विधानसभा चुनाव में युवाओं पर दांव, जानें सबसे कम उम्र में कौन बना मुख्यमंत्री?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव  में अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं, लेकिन इस बार का चुनाव कई मायनों में अहम रहने वाला हैं. जहां एक ओर अखिलेश यादव राष्ट्रिय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी  के साथ गठबंधन कर पश्चिम यूपी में नया प्रयोग कर रहे हैं, तो वहीं इस बार सभी दलों ने युवाओं पर भरोसा जताया हैं. सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक सभी पार्टियों ने उम्रदराज कैंडिडेट की जगह युवाओं पर भरोसा जताया है. बीजेपी ने तो 75 पार वाले नेताओं को टिकट न देते हुए कई युवा चेहरों को मैदान में उतारा है. कहा जा सकता है कि यूपी का चुनाव इस बार युवाओं के हाथ में है.

मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की कमान अखिलेश यादव पर है तो वहीं राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी भी युवा हैं. कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी के हाथों में हैं. आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद भी गोरखपुर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मैदान में हैं. अपना दल एस अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी युवा हैं और पूर्वांचल में ओबीसी का प्रमुख चेहरा हैं. आम आदमी पार्टी की कमान भी संजय सिंह के हाथों में है, जो कि युवा हैं. बीजेपी की चुनाव प्रचार की कमान भी मोदी सरकार में दो युवा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर के हाथों में हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद 49 साल के हैं.

अखिलेश बने थे प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री
2012 के विधानसभा चुनाव में जब समाजवादी पार्टी को बहुमत मिला था तो मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश यादव के हाथों में सत्ता सौंप दी थी. उस वक्त उनकी उम्र 38 साल थी और वे प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे. आज वे 48 साल के हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती आज भले ही 66 साल की हैं, लेकिन 1995 में जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बनीं थीं तो उनकी उम्र 39 साल की थी. 2017 में जब बीजेपी ने यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ हाथों में दी थी तो उनकी उम्र 44 साल की थी.