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UP Politics: चुनाव से पहले वरुण गांधी ने बढ़ाया कन्फ्यूजन, क्या बीजेपी से बन जाएगी बात या रहेंगे वही तेवर!

यूपी के पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में छाए रहते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उन्होंने बीजेपी के खिलाफ हमले कम कर दिए हैं. माना जा रहा है कि इसके पीछे मेनका गांधी का हाथ है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वरुण लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ पैचअप के मूड में हैं, हालांकि इस बात को लेकर ज्यादा कयास लगाए जाते इससे पहले एक बार फिर उन्होंने ऐसा बयान दे दिया है, जिससे उनके तेवरों का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.

वरुण गांधी अक्सर अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत जाते रहते हैं. रविवार को भी वो अपने दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे जहां उन्होंने आम लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसी बातें कही जिससे लगा कि वो अब बीजेपी के खिलाफ नरम-नरम मूड में हैं और पार्टी के साथ मतभेदों को भुलाना चाहते हैं. वरुण गांधी ने अपने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि, “मैंने जो आवाजें उठाई पिछले पांच साल में, मैंने वो आवाजें इसलिए नहीं उठाई कि क्योंकि मैं किसी के सामने भिड़ना चाह रहा था या राजनीति करना चाह रहा है. मैंने केवल बेरोजगारी, किसान, नौजवान की आवाजें उठाईं जो आपके बच्चों की मांग थी, जो आपकी आने वाली नस्लों की मांग थी.”

वरुण गांधी ने इन पर बोला तीखा हमला
वरुण गांधी के इस बयान के बाद माना जाने लगा कि वो बीजेपी से पैचअप करना चाहते हैं लेकिन इसी सभा में थोड़ी ही देर बाद वो फिर से बीजेपी के खिलाफ पुराने तेवरों में आ गए और उन्होंने बिना नाम लिए क्षेत्रीय नेताओं पर तीखा हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि आज कई ऐसे लोग हैं जिनके यहां पहले रोटी खाने के लाले पड़े हुए थे और आज वो बड़े-बड़े काफिलों में घूम रहे हैं. उन्होंने अपने परिवार की कुर्बानी का जिक्र करते हुए कहा, मेरे परिवार ने तो अपने घर तक देश के नाम कर दिए थे.

वरुण गांधी ने कहा कि आज जहां लोग 500 रुपये टेबल पर छोड़ने को राजी नहीं उनके परिवार ने तो आजादी की लड़ाई में अपने घर तक को देश के नाम कर दिया था. वरुण गांधी ने कहा कि “हम लोगों ने तो स्वतंत्रता की लड़ाई में अपने घर, देश के नाम कर दिए. मेरे पिता जी मारुति कंपनी को देश के नाम कर दिया. हम क्या घर बनाएं, उन्होंने कहा कि आज हिन्दुस्तान में अराजकता है, न स्कूल काम कर रहा है, न अस्पताल काम कर रहा है, न ट्रैफिक लाइट काम कर रही है. न सड़क ठीक से बनी हुई है.”

बीजेपी सांसद के इन तेवरों को देखकर लग रहा है कि वो फिलहाल बीजेपी को बख्शने के मूड में तो नहीं है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की रणनीति पर भी गौर किया जाए तो वो अपने नेताओं की ऐसी बातों को नजर अंदाज करेगी ये कहना मुश्किल हैं.

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