उत्तरकाशी टनल हादसे में 17वें दिन बड़ी सफलता मिली है। आखिरकार टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकालने का काम आखिरी पड़ाव पर है। मंगलवार को सुरंग में ब्रेकथ्रू हुआ और स्केप टनल के जरिए मजदूरों को बाहर निकालने के लिए स्केप टनल बन गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टनल में 41 मजदूर पिछले 17 दिन से फंसे हुए है। हालांकि सरकार मजदूरों को निकालने का पूरा प्रयास लगातार कर रही हैं और उम्मीद की जा रही है कि अब से कुछ ही घंटों में मजदूर सही सलामत बाहर आ जाएंगे।
41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान सफल हुआ। टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकालने का काम आखिरी पड़ाव पर है। मंगलवार को सुरंग में ब्रेकथ्रू हुआ और स्केप टनल के जरिए मजदूरों को बाहर निकाला जा रहा है। सुरंग के अंदर मेडिकल की टीम पहुंच गई है। मजदूरों के परिजनों को भी सुरंग के पास बुलाया है। परिजन मजदूरों के साथ अस्पताल जाएंगे। इसके अलावा और भी कई इंतजाम किए जा रहे है।
एनडीएमए सदस्य ने कहा कि, जिला अस्पताल में 30 बेड की व्यवस्था की गई है और 10 बेड का इंतेजाम साइट पर ही किया गया है। चिनूक रात में उड़ान भर सकता है, लेकिन मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं प्रतीत हो रहा है और फिलहाल इसकी आवश्यकता प्रतीत नहीं हो रही है। इमरजेंसी में एम्बुलेंस से श्रमिकों को ऋषिकेश एम्स ले जाया जा सकता है। सिल्क्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालने के बाद अस्पताल पहुंचाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। मजदूरों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी हो चुकी है। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है। बता दें कि ऋषिकेश एम्स में भी इमरजेंसी के लिए तैयारी की गई है।
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि सभी सुरक्षा सावधानियों को लागू की जाएंगी। समय से पहले कोई घोषणा नहीं की जानी चाहिए क्योंकि यह सभी सिद्धांतों के विरुद्ध होगा। हमें रेस्क्यू कर रहे टीम सदस्यों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है।