उत्तर प्रदेश के बागपत में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतसार अली के दाढ़ी रखने का मामला खूब सुर्खियों में रहा। दाढ़ी रखने को लेकर इंस्पेक्टर को विभाग ने सस्पेंड भी किया। जब दाढ़ी कटवाई तो वापस उनकी बहाली कराई गई। इंतसार अली के दाढ़ी रखने को लेकर मुख्यमंत्री योगी के सुरक्षा सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने एक ट्वीट किया है। ट्वीट के जरिए उन्होने कहा कि इंतसार अली दारोगा हैं, नियमविरुद्ध दाढ़ी रखते थे। सैल्यूट की जगह आदाब करते थे। सरकार बदलने का फर्क नहीं समझ पाए, याद न रहा कि उत्तर प्रदेश में अब कानूनराज है। लिहाजा सस्पेंड हो गए। बहाली तब हुई जब वर्दी के सम्मान वाली वेशभूषा में वापस लौटे। देश कठमुल्लों से नहीं बाबा साहब के संविधान से ही चलेगा।
दरअसल बागपत जिले में तैनात दरोगा को दाढ़ी बढ़ाने पर एसपी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। दाढ़ी कटवाने के बाद वापस एसपी ने उन्हें बहाल कर दिया। इस मामले में जमीयत उलमा के पदाधिकारियों ने डीएम शकुंतला गौतम और एसपी अभिषेक सिंह से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि हर व्यक्ति को धर्म के अनुसार रहने का अधिकार है। इस मामले में पहले निलंबित सब इंस्पेक्टर का कहना था कि नवंबर 2019 में दाढ़ी रखने की अनुमति के लिए आईजी को आवेदन पत्र भेजकर अनुमति मांगी थी, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिली।
बागपत के एसपी अभिषेक सिंह ने कहा था कि पुलिस में सिर्फ सिख समुदाय को ही दाढ़ी रखने की अनुमति है। हिन्दू-मुस्लिम सहित अन्य समाज को इसकी अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस में अनुशासन का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। इंतसार को कई बार नोटिस भेजा गया था कि दाढ़ी रखने के अनुमति लें, लेकिन लगातार इसकी अनदेखी की गई। अनुशासनहीनता में विभागीय स्तर पर निलंबित करने की कार्रवाई की गई है। इसको किसी मजहब से जोड़कर न देखा जाए मेरे कार्यालय में दरोगा इंतसार अली का कोई प्रार्थना पत्र है, ऐसा मेरे संज्ञान में नहीं आया है। दाढ़ी रखने के लिए संबंधित जिले के एसएसपी या एसपी से अनुमति ली जाती है। अनुमति कैंसिल होने पर आईजी कार्यालय में अपील की जाती है।
प्रवीण कुमार, आईजी मेरठ रेंज।