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भारत के कोने-कोने तक Spicejet से पहुंचाई जाएगी कोरोना वैक्सीन

भारत समेत पूरी दुनिया आज कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहा है. पूरी दुनिया कोरोना वैक्सीन को तैयार करने और उत्पादन करने की सफल रणनीति बनाने में जुटी हैं. लेकिन इन सबके बीच भारत सहित पूरी दुनिया के सामने इसके वितरण को लेकर बड़ी चुनौती बनी हुई है. देश की निजी एयरलाईन कंपनी स्पाइस जेट कोविड वैक्सीन का अंतर्राष्ट्रीय वितरण के मुहिम में जुड़ने जा रही है. स्पाइस जेट ने कोरोना वैक्सीन के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट करने का ऐलान किया है.

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कोरोना वैक्सीन का ट्रांसपोर्टेशन बनी एक बड़ी चुनौती-

कई देशों में कोरोना वैक्सीन का तीसरा ट्रायल सफल हो चुका है तो कई देशों में दूसरा और तीसरा ट्रायल जारी है. ऐसे में देश-दुनिया की कई फार्मास्यूटिकल कंपनियां वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए कमर कस चुकी है. कई अध्ययन रिपोर्टो के आधार पर यह बात सामने आई है कि कोरोना वैक्सीन को एक निश्चित तापमान में ही स्टोर और ट्रांसपोर्टेशन किया जाना है. देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन कंपनी स्पाइस जेट ने ऐसे कार्गों एयरक्राफ्ट स्पाइस एक्सप्रेस तैयार किए है जिसके अंदर तापमान को -40 डिग्री से +25 डिग्री को मैनेज किया जा सकता है. इस तैयारी के साथ कोरोना वैक्सीन को ना सिर्फ देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाया जा सकता है बल्कि दुनियां के विभिन्न देशों तक भी ले जाने में आसानी होगी.

स्पाइस जेट के लिए 17 कार्गो एयरक्राफ्ट तैयार-

कोरोना वैक्सीन को देश-दुनियां में सुरक्षित पहुंचाने के लिए स्पाइस जेट ने 17 कार्गो एयरक्राफ्ट तैयार किए है. जिसमें तापमान को मैनेज किया जा सकता है. यहीं नहीं मार्च में हुए लॉकडाउन के बाद यानी कोरोना काल में आवश्यक वस्तुओं को गंतव्य तक पहुंचाने में भी स्पाइस जेट की बड़ी भूमिका रही है. ना सिर्फ देश के विभिन्न हिस्सों तक जरूरी सामानों को यह निजी एयरलाइन पहुंचा रही है बल्कि दुनियां के 50 से अधिक देशों तक भी सामानों को पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभार ही है.

यूएसए, यूके, जर्मनी, फ्रांस, रुस, उज्बेकिस्तान, यूएई, सऊदी अरब, थाइलैंड, चीन, म्यांमार, जापान, मलेशिया, सिंगापुर और कनाड़ा सहित 50 से अधिक देशों तक 85 हजार टन जरूरी सामानों का ट्रांसपोर्टेशन इस एयरलाइंस के जरिए किया जा रहा है.