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अयोध्या में संतों का आरोप, राम मंदिर ट्रस्ट में हो रहा पैसों का बंदरबांट…

अयोध्या के राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में हनुमानगढ़ी व निर्वाणी अनी अखाड़ा को शामिल न करने पर हिंदू पक्षकार रहे महंत धर्मदास व राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती ने ट्रस्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में दोनों संतों ने शामिल न होने पर नाराजगी जताई है. आपको बता दें कि, अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत व हिंदू पक्षकार रहे महंत धर्मदास ने कहा कि राम मंदिर के नाम पर ट्रस्ट में बंदरबांट हो रही है. सारी संपत्ति व आने वाला दान सब कुछ रामलला का है. सबके मालिक राम लला हैं. जितने भी ट्रस्टी हैं और जो संत शामिल हैं वह केवल सेवक हैं. लेकिन ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बंदरबांट कर रहे हैं.

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चंपत राय पर गाली देने का आरोप-

महंत धर्मदास ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को धूर्त व पापी बताया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण में चंपत राय रोड़ा बनेंगे. यह वही चंपत राय हैं जो अयोध्या के साधुओं को गाली देते हैं. ऐसे व्यक्ति का अयोध्या में दर्शन नहीं होना चाहिए. अगर मुझे कहीं दिखाई पड़ गए तो मैं उसी दिन गंगा नहा लूंगा. ऐसे पापी का दर्शन करने से अच्छा है इनसे दूर ही रहा जाए.

वेदांती की ये मांग-

महंत रामदास ने कहा कि चंपत राय एंड कंपनी को अयोध्या से खदेड़ना होगा. वहीं दूसरी तरफ राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास दास वेदांती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण आंदोलन में हनुमानगढ़ी व निर्वाणी अनी अखाड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और जब अब ट्रस्ट का निर्माण हुआ तो उसी हनुमानगढ़ी व निर्वाणी अनी अखाड़ा को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला. ट्रस्ट में निर्वाणी अनी अखाड़ा का नाम शामिल होना चाहिए. वेदांती ने कहा कि पूर्व में अशोक सिंघल ने ही निर्वाणी अनी अखाड़ा की तरफ से वेदांती का नाम राम जन्मभूमि न्यास में नामित किया गया था. अब बने हुए नए ट्रस्ट में निर्वाणी अनी अखाड़ा को शामिल नहीं किया गया है. ट्रस्ट में प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला.

दरअसल, राम चबूतरा पर रामलला का पूजन करने वाले बाबा अभिराम दास की आज 39वीं पुण्यतिथि है. जिसका भंडारा आज बेनीगंज के हनुमान मंदिर पर किया गया. जिसमें भारी संख्या में साधु संतों ने भाग लिया. बता दें कि ट्रस्ट के ऊपर शुरू से ही महंत धर्मदास उंगली उठाते आए हैं और केंद्र सरकार को इसी ट्रस्ट को लेकर नोटिस भी दे चुके हैं.