Breaking News

सरकारी दावों का जमीनी सच: 7 दशकों से UP के इस जिले में नहीं पहुंची बिजली, लालटेन ही सहारा

आजादी के बाद से अब तक गांव में बिजली न होने की शिकायत पर एसडीएम ने भरोसा दिया है कि इस बार गांव में बिजली पहुंचेगी. जल्द ही विद्युत विभाग को पूरा एस्टीमेट तैयार कर दे दिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में आज भी कई ऐसे गांव हैं, जो आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी गांव में बिजली का बल्ब जलने की आस लगाए बैठे हैं. आजादी के भले ही 7 दशक से भी ज्यादा का समय क्यों ना बीत गया हो, देश तरक्की दर तरक्की कर रहा हो बावजूद इसके गांव में बिजली नहीं पहुंचने से ग्रामीण परेशान हैं. झांसी जिले के तोड़ी फतेहपुर थाना क्षेत्र के ककवारा के सिद्धपुरा गांव के ग्रामीण गांव में बिजली आने की आस लगाए बैठे हैं. 300 से भी अधिक की आबादी वाले इस गांव के ग्रामीण देश की आजादी के बाद भी लालटेन युग में जीने को मजबूर हैं.

अंधेरा होते ही इस गांव में रोशनी का एकमात्र सहारा लालटेन होता है. ऐसे में शाम ढलते ही अंधेरा होने के बाद घरेलू काम से लेकर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई लालटेन की रोशनी में होती है. ग्रामीण कहते हैं कि कई बार गांव मे अंधेरा होने के चलते सांप, बिच्छुओं के काटने से कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है.

UP:प्रेमी के भेजे सिंदूर को मांग में सजाया तो भाई ने काट दिया बहन का गला

कई चुनाव हुए, बुंदेलखंड से सांसद, विधायक जीतकर संसद और उत्तर प्रदेश की विधानसभा पहुंचे. ना जाने कितनी सरकारें आईं और चली गई, बावजूद इसके ककवारा के सिद्धपुरा गांव की तकदीर में बिजली आने की कोई तारीख तय नहीं हुई. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली की आस में लोग जन्म लेने के बाद बुजुर्ग हो गए. कई ग्रामीण दुनिया को अलविदा भी कह गए. बावजूद इसके गांव में बिजली के खंभे और बिजली घरों में आने का इंतजार इस गांव के ग्रामीणों को आज भी है.

एसडीएम बोले- इस बार जरूरी पहुंचेगी बिजली
जानकारी होने पर कांग्रेस के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवनारायण परिहार गांव पहुंचे तो ग्रामीण अपनी पीड़ा बताने के लिए इकट्ठे हो गए. आजादी के बाद गांव में बिजली नहीं पहुंचने की शिकायत लिखित में किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण परिहार ने एसडीएम से की है. एसडीएम ने भरोसा दिया है कि इस बार गांव में बिजली पहुंचेगी. जल्द ही विद्युत विभाग को पूरा एस्टीमेट तैयार कर दे दिया जाएगा. आने वाले समय में गांव में विद्युत पोल लगने के बाद लाइन खींचकर गांव वालों के घरों में विद्युत बल्ब रोशनी बिखेंरेंगे.