अयोध्या में दीपोत्सव की सफलता के बाद प्रदेश सरकार अब काशी की देवदीपावली को और भव्य बनाने जा रही है। पिछले सालों की तुलना में इस बार अधिक दीये जलाये जाएंगे। इसके साथ ही घाट-घाट पर आयोजन भी अधिक होंगे। गंगा पार रामनगर में भी दीपदान के साथ आयोजन हो सकते हैं। देव-दीपावली के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल के आने की उम्मीद है। यह भी संभावना जतायी जा रही है कि आयोजन से पहले एक बार मुख्यमंत्री काशी दौरा कर देव-दीपावली की तैयारियों की समीक्षा करें। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवदीपावली मनाई जाती है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को है।
दरअसल सोमवार को शासन की ओर से देव-दीपावली को और सुंदर और आकर्षक बनाने का निर्देश मिला है। सरकार की मंशा है कि विगत सालों से इस बार और यादगार आयोजन किया जाये। शासन ने देव-दीपावली की प्रस्तावित कार्ययोजना भी मांगी है। आदेश मिलने के बाद से जिला प्रशासन ने मंथन शुरू कर दिया है। उधर, कोविड-19 की गाइड लाइन के तहत कार्यक्रम करने को लेकर देर शाम मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में रणनीति बनेगी। बैठक में पुलिस और प्रशानिक अफसरों के साथ ही आयोजन से जुड़ीं संस्थाएं व समितियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। इसमें सभी लोगों की भागीदारी और जिम्मेदारी तय होगी।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि सरकार की इच्छा है कि अयोध्या जैसा भव्य आयोजन काशी के देव-दीपावली में हो, इसको लेकर सरकार ने विशेष तैयारी करने का निर्देश दिया है। इसको देखते हुए वीवीआईपी, वीआईपी के आने वालों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है। देव-दीपावली का आयोजन 30 नवम्बर को होना है। शासन का पत्र 16 को आने के बाद तैयारी के लिए महज 13 दिन बचे हैं। अभी तक कार्यक्रम की कोई रुपरेखा भी तय नहीं हुई है। ऐसे में कार्यक्रम को सफल बनाने की तैयारी प्रशासन के लिए किसी गंभीर चुनौती से कम नहीं होगी।