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अमेठी में ‘चीनी’ ने मचाया बवाल, अब क्या करेगी सरकार

रिपोर्ट- मो० तौफीक/ पवन कुमार मौर्य

अमेठी में सांसद स्मृति ईरानी ने चुनाव के समय फ्री चीनी का वादा किया था जिसका इंतजार जनता करती रही 18 महीने बाद जब कोटे की दुकान पर चीनी मिली तो आफत भी आ गई। सस्ती चीनी खाने से लोग बीमार हो गए। कुछ अस्पताल में भी भर्ती हुए जिनका ईलाज चल रहा है। अमेठी जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भिक्षु का पुरवा गांव के लोगों में चीनी ने भय पैदा कर दिया। जिसके चलते हैं लोग सरकारी कोटे में मिलने वाली चीनी को खाने के बजाय फेंक देना उचित समझ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा अंत्योदय कार्ड धारकों को अभी भी कंट्रोल रेट में चीनी उपलब्ध कराई जाती है जिसका वितरण हर महीने होता है हमेशा की भांति इस बार भी अमेठी जिले तहसील क्षेत्र के संग्रामपुर थाना अंतर्गत ग्राम सभा धोएँ में 85 अंत्योदय कार्ड धारकों को उनके यूनिट के अनुसार सरकारी चीनी का वितरण कंट्रोल रेट पर किया गया। वहीं पर भिक्षु का पुरवा निवासी बेहद गरीब परिवार जमुना प्रसाद कोटे की चीनी लेकर अपने घर पहुंचे थे जहां पर चीनी को देखते ही उनकी पत्नी और दो बच्चे चीनी खाकर पानी पिया तत्काल उसी के बाद एक-एक करके तीनों की तबीयत बिगड़ने लगी इस बात का पता जैसे ही लगा तत्काल उन्होंने गुस्से में आकर चीनी को फेंक दिया और आनन-फानन में तीनों लोगों को नजदीक के झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया गया जहां पर उनका इलाज शुरू किया गया। इसी तरह रात बीती जब तबीयत में कोई सुधार नहीं दिखा तब जमुना प्रसाद तीनों लोगों को लेकर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र अमेठी पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बताया कि फूड प्वाइजनिंग का मामला है पूछने पर पता चला चीनी के खाते ही तीनों की तबीयत बिगड़ी मौके पर देखने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी निर्भय नारायण सिन्हा भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने टीम को चीनी का सैंपल लेने के लिए गांव भेजा बताया जाता है कि टीम कोटेदार के घर पहुंची और वही चीनी का सैंपल लेकर वापस चली गई जैसे ही इलाके में इस बात की जानकारी लोगों को हुई तो यह जंगल में आग की तरह फैल गई जिन लोगों ने भी सरकारी कोटे से चीनी ले रखी थी सभी ने या तो उसे ने किया किया तो थोड़ा-थोड़ा करके जानवरों को खिला दिया।

ग्रामीण हीरालाल ने बताया कि मेरा राशन कार्ड पात्र गृहस्थी का बना हुआ है जिस में चीनी नहीं मिलती है उसी समय में राशन लेने के लिए कोटेदार किया गया हुआ था तभी चीनी का वितरण चल रहा था मैंने जरा सी चीनी हाथ में लेकर देखा तो वह सफेद ना होकर पीले रंग की दिखाई पड़ी देखने में ही अजीब थी और स्वाद भी उसका कुछ अजीब था बहुत थोड़ी चीनी लेकर जब मैंने मुंह में डाला और पानी पिया जिसके बाद से मुझे लगातार दस्त आने शुरू हो गए, 2 दिनों में मैं लगभग 15 बार दस्त जा चुका हूं मेरी भी तबीयत ठीक नहीं है मुझे भी लगता है कि उसी चीनी का असर हुआ है। फिलहाल मैं घरेलू इलाज करके अब कुछ ठीक महसूस कर रहा हूं इस प्रकार गांव के लोगों में दहशत का माहौल है उनका कहना है कि सरकार फ्री में नहीं देती है पैसे लेकर जीने देती है उसको अच्छी क्वालिटी की चीनी हम लोगों को उपलब्ध करानी चाहिए इस चीनी को कौन खाए जो भी खा रहा है वह बीमार हो रहा है इसलिए हम लोगों ने डर के कारण इस चीनी को नहीं खाया है और ना ही खाएंगे।