Breaking News

अजान के लिए क्यों जरूरी है लाउडस्पीकर, आखिर क्या है मुसलमानों का कनेक्शन ?

देश में पिछले कुछ दिनों से लाउडस्पीकर पर अजान का विरोध किया जा रहा है। हालांकि, ये विरोध तो कई सालों से लगातार जारी है लेकिन अब एकदम से चर्चाओं में आ गया है। हिंदू संगठनों ने कई शहरों में इसके विरोध में तेज आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया है। इसी विवाद को लेकर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी निर्देश देते हुए कहा है कि धार्मिक स्थलों में अगर लाउडस्पीकर इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसकी आवाज परिसर तक ही सीमित रहे। ऐसे में लोगों के मन में सवाल चल रहा है कि आखिर मस्जिद में अजान के लिए लाउडस्पीकर क्यों जरूरी है और इसका इस्लाम से कोई कनेक्शन है ?

अगर इस्लाम में लाउडस्पीकर की बात की जाए तो जब धर्म बने थे तब लाउडस्पीकर नहीं हुआ करते थे। इतिहास से ये बात साफ होती है कि पहले इमाम अपनी तेज आवाज से ही अजान पढ़ते थे जिससे आसपास के घरों में रहने वाले लोगों को नमाज के समय का अंदाजा हो जाता था और वे मस्जिद में आ जाते थे। आज भी जिन मस्जिदों में लाउडस्पीकर नहीं हैं, वहां ऐसे ही होता भी है। कई देश ऐसे भी हैं जहां मस्जिदों में लाउडस्पीकर नहीं होते, हालांकि तेज आवाज में अजान जरूर दी जाती है।

हालांकि, भारत में ये लड़ाई अब बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में दखल दे चुका है, उसके बावजूद भी विवाद लगातार जारी है। इस्लाम के हिसाब से देखा जाए तो अजान देने के लिए मस्जिदों में लाउडस्पीकर की जरूरत नहीं है। अजान तो लोगों को नमाज के लिए बुलाने का एक तरीका है जिसमें अल्लाह की बात कही जाती हैं। ऐसे में अजान लाउडस्पीकर में हो या बिना उसके, बात एक ही है, यानी धर्म से इसका कोई लेना देना नहीं है।

अब सवाल आता है कि धर्म से लेना देना नहीं तो मस्जिदों में क्यों लाउडस्पीकर पर अजान दी जाती है। इस सवाल के जवाब पर लोगों की अपनी अलग अलग राय हो सकती हैं। लेकिन आम तरीके से बात करें तो पहले मस्जिदों में इमाम को अजान लगाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती थी। इसके लिए उन्हें तेज आवाज में अजान देनी होती थी। धीरे धीरे लाउडस्पीकर का चलन आ गया और हर मस्जिदों में इसका इस्तेमाल होने लगा। इससे एक तो इमाम साहब आराम से अजान दे देते हैं और ज्यादा लोगों तक आवाज भी पहुंच जाती है।

तो लाउडस्पीकर है जरूरी ?
नहीं, इस्लाम के इतिहास से लेकर अब तक कहीं भी ऐसा न लिखा गया है, न बताया गया है कि अजान पढ़ने के लिए लाउडस्पीकर का होना जरूरी है। टेक्नोलॉजी अपडेट हुई तो मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगा दिए गए। इसके पीछे कोई कारण नहीं था या ये जरूरी नहीं है।