नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की टीम ने अफीम तस्कर गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। एनसीबी की टीम ने गिरोह के नाबालिग समेत पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में मंगल मुंडा, अनिल पूर्ती, देवेंद्र राम, अरुण दांगी और नाबालिग लड़की शामिल हैं।
पूछताछ में एनसीबी की टीम को यह जानकारी मिली है कि पकड़ाए गिरोह के सदस्यों के तार यूपी से जुड़े हुए हैं। यूपी में कई इस धंधे में लगे हुए हैं, जिन्हें हजारीबाग के इटखोरी निवासी अरुण दांगी अफीम सप्लाई करता है। गिरफ्तार आरोपी सरगना मंगल मुंडा ने खुलासा किया कि उन्हें प्रति किलो अफीम बेचने पर 50 हजार तक का मुनाफा मिलता है। इधर, एनसीबी की टीम यूपी के तस्करों की जानकारी इकट्ठा कर रही है। गौरतलब हो कि एनसीबी की टीम मंगलवार को तुपुदाना पुलिस की मदद से दस माइल से उक्त चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से टीम ने साढ़े सात किलो अफीम बरामद की है। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने हजारीबाग के इटखोरी से रिसिवर अरुण दांगी को मंगलवार देर रात पकड़ा था।
पुलिस से बचने के लिए लड़की को करते हैं शामिल
सरगना ने बताया कि पुलिस से बचने के लिए गिरोह में लड़की को भी शामिल किया जाता है। टीम ने जिस लड़की को पकड़ा है, उसे अपने बचाव के लिए साथ में हजारीबाग ले जा रहे थे। इस एवज में उसे भी कमीशन दिया जाता है। पकड़ायी नाबालिग से कहा गया था कि हजारीबाग में अफीम की बिक्री से प्राप्त राशि में से उसे कमीशन दिया जाएगा।
25 हजार में किसानों से खरीदते हैं तस्कर
गिरोह का सरगना मंगल मुंडा और अनिल पूर्ती ने टीम के समक्ष खुलासा किया है कि खूंटी के सीमावर्ती इलाके के किसानों से 25 से 30 हजार रुपए प्रति किलो अफीम की खरीदारी करते हैं। इसके बाद 80 हजार रुपए प्रति किलो के हिसाब से वे हजारीबाग के इटखोरी निवासी आरोपी अरुण दांगी को बेच देते हैं। आरोपियों ने बताया कि वे छह माह के भीतर अरुण को 50 किलो से अधिक अफीम दे चुके हैं। उसने बताया कि माल पहुंचते ही उन्हें पैसा भी मिल जाता है।
प्रति किलो 1.20 लाख तक बिक जाता है यूपी में
यूपी में अफीम की डिमांड काफी है। अच्छी कीमत भी मिलती है। इस बात का खुलासा रिसिवर अरुण दांगी ने किया। उसने एनसीबी की टीम को बताया कि यूपी में 1.10 लाख से 1.20 लाख रुपए प्रति किलो के हिसाब से एक व्यक्ति को अफीम बेच देता है। कई बार वह उस व्यक्ति को अफीम दे चुका है।