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Workers remain trapped in collapsed Uttarakhand tunnel as rescue hampered

खतरे में हैं 40 मजदूरों की जान, 100 घंटे से लगातार Uttarakhand Tunnel में फंसे, रेस्क्यू हुआ फेल तो साथियों ने किया हंगामा

उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिलक्यारा में हुए टनल हादसे को 100 घंटे हो गए हैं लेकिन अभी तक 40 मजदूरों का रेस्क्यू नहीं किया जा सका है। इसका कारण टनल में लाई गई मशीनों की असफलता है। रविवार सुबह 7 बजे से फंसं मजदूरों को अब तक बचाया नहीं जा सका है। अब अमेरिकन अर्थ आगर मशीन से उम्मीद मिली है जिसके बाद मजदूरों को टनल के अंदर से रेस्क्यू करने में सफलता मिलेगी।

बुधवार को एयरक्राफ्ट के जरिए अमेरिकन अर्थ आगर मशीन को लाया गया। इसे उत्तराकाशी तक पहुंचाने में तीन एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद मशीन के पार्ट्स को टनल तक ले जाने में रात तक का समय लग गया। रात में मशीन को टनल में फिट किया गया अब उम्मीद है जल्द ही ड्रिल का कार्य शुरू कर लिया जाएगा।

यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाली आल वेदर की सुरंग में दीपावली के दिन से ही 40 मजदूर फंसे हुए हैं। तकरीबन 50 मीटर तक मलबे के अंदर ड्रिल करके उसमें माइल स्टील पाइप को डाला जाएगा। इस मशीन से एक घंटे में 5 मीटर तक ड्रिल का काम किया जा सकता है। घटनास्थल की पूरी जानकारी के लिए आज केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं। वो घटनास्थल पर जाकर वहां अधिकारियों के साथ रेस्क्यू कार्यों को लेकर बात करेंगे। इस दौरान उनके साथ उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार भी रहेंगे।

हादसे के दिन से ही उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी पल-पल की अपडेट अधिकारियों से ले रहे हैं और जल्द से जल्द रेस्क्यू कार्य मजदूरों को बाहर निकालने की बात कर रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अमेरिकन अर्थ आगर मशीन से ड्रिल का काम बिना किसी रुकावट के हो पाया तो सभी मजदूरों को 12 घंटे के अंदर ही सुरंग से निकाल लिया जायेगा। सभी अधिकारियों को उम्मीद है कि, जल्द ही रेस्क्यू का कार्य पूरा हो जाएगा।

रेस्क्यू में हो रही देरी को देख फंसे मजदूरों के साथियों ने बुधवार को काफी हंगामा काटा था और कंपनी के ऊपर कई आरोप भी लगाए थे। सभी मजदूर अपने साथियों को बाहर निकालने की मांग पर अड़ गए।

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के निर्माण में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। सुरंग के जिस संवेदनशील हिस्से में भूस्खलन हुआ, वहां उपचार के लिए गार्टर रिब की जगह सरियों का रिब बनाकर लगाया गया है, जो कंपनी की सबसे बड़ी भूल है, इस भूल से 40 लोग मौत और जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं।

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