हलाल सर्टिफिकेशन जांच के लिए यूपी एसटीएफ की टीम चेन्नई, दिल्ली और मुंबई जाएगी। आतंकी संगठनों को देश विरोधी गतिविधियों के लिए इसके माध्यम से मदद करने के मामले की जांच करेगी। इस बात की आशंका है कि, हलाल सर्टिफिकेशन देने के नाम पर मिलने वाले फंड से इस तरह का नेटवर्क बनाया गया है। इसीलिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच यूपी पुलिस से लेकर एसटीएफ को दिया है। जरूरत पड़ने पर एटीएस की मदद भी ली जा सकती है।
इस बात की भी जांच की जाएगी कि, क्या दंगा भड़काने के लिए भी फंडिंग की जा रही थी! इसके साथ ही राज्यव्यापी छापा मारने की भी तैयारी है। खाद्य और औषधि विभाग संबंधित ज़िला प्रशासन और ज़िला पुलिस के साथ मिल कर हलाल प्रोडक्ट वाले प्रतिष्ठानों की जांच कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ राज्य के सभी 18 मंडल मुख्यालयों मतलब कमिश्नरी हेडक्वर्टर पर टीम आज एक्शन में रहेगी। बीते सोमवार को लखनऊ, अयोध्या, कानपुर समेत कई शहरों में छापे की कार्रवाई हुई थी।
हलाल सर्टिफिकेशन के पीछे करोड़ों रुपए का खेल होने, इसका दायरा राष्ट्रीय स्तर पर होने और राष्ट्र विरोधी साजिश की आशंका के चलते मामले की जांच एसटीएफ को दी गई है। नामजद कंपनियों पर आरोप है कि बिना किसी अधिकार के कंपनियां हलाल प्रमाण पत्र निर्गत कर अनुचित लाभ अर्जित कर रही हैं। धन अर्जित कर कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
इस मामले में देश विरोधी गतिविधियों व आतंकी संगठनों को फंडिंग जैसी बात सामने आने पर हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े संगठनों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।
हलाल सर्टिफिकेशन देने वाली 9 कंपनियों पर लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई गई है। FIR एफआईआर में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई आदि का नाम है। इन कंपनियों पर आरोप है कि ये एक मजहब के नाम पर कुछ उत्पादों पर हलाल सर्टिफिकेशन दे रहे हैं जबकि ये देने का उनका अधिकार नहीं है।