उत्तर प्रदेश निर्यात बढ़ाने के लिए अब सर्विस सेक्टर पर फोकस करने जा रही है। शिक्षा, पर्यटन, स्टार्टअप, मेडिकल वैल्यू ट्रेवेल्स, लाजिस्टिक्स, आतिथ्य आदि सेक्टर से निर्यात की तैयारी है। इसके तहत पहले प्रोफेशनल तैयार करने के लिए पर्यटन्, आतिथ्य, आयुष, वेलनेसस समेत कई क्षेत्रों में नए पाठ्यक्रम चलाने की योजना है।
दरअसल प्रदेश सरकार की नई निर्यात नीति में इस बात का खास प्रावधान किया जा रहा है। यूं तो सर्विस सेक्टर में निर्यात की मुहिम चैम्पियन सर्विस के रूप में यूपी में शुरू हो चुकी है, लेकिन नई मुकम्मल नीति लागू होने के बाद इसमें खास तेजी आएगी। यह सेक्टर जीडीपी, निवेश, निर्यात, रोजगार के लिहाज काफी संभावनाओं वाला माना जा रहा है। प्रदेश से सेवा क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इसी तरह की और सेवाओं को चिन्हितीकृत किया जाएगा। नई निर्यात नीति के मसौदे के मुताबिक उनके विकास के लिए अनुकूल परिवेश तैयार होगा। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित चैम्पियन सर्विसेज सेक्टर स्कीम के तहत एक मुकम्मल प्रस्ताव तैयार कर संबंधित केंद्रीय नोडल विभाग को भेजे जाएंगे। प्रदेश के सर्वाधिक निर्यात संभावनाओं वाले सेवा क्षेत्रों में विभिन्न विशेषज्ञों संस्थाओं के सहयोग से क्षमता का विकास से संबंधित कई पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। इनमें नर्सिंग, केयर गिवर्स पाठ्यक्रम, आयुष व वेलनेस प्रशिक्षण, तकनीकी क्षमता विकास, पर्यटन व आतिथि्य सेवाएं व शैक्षणिक सेवाएं शामिल हैं।
निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो इसके लिए विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करके पाठ्यक्रमों का संचालन विशेषज्ञ संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा। ऐसे क्षमता विकास प्रशिक्षणों के प्रोत्साहन के लिए प्रति प्रशिक्षणार्थी आने वाले खर्च का 75 प्रतिशत निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो द्वारा खर्च किया जाएगा। इन प्रशिक्षण व पाठयक्रम को आयोजित करने के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग लिया जाएगा। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए सक्षम प्राधिकारी से मान्यता प्राप्त की जाएगी। ताकि सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पाने वाले अभ्यर्थी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सत्र पर इन प्रमाण पत्रों के आधार पर अपनी सेवाएं प्रदान करने लिए सक्षम हो सकें। आईटी क्षेत्र में बायर सेलर मीट के लिए बिजनेस फैसीलिटेशन फोरम की स्थापना की जाएगी।