2024 चुनाव को लेकर यूपी की राजधानी और देश के सबसे बड़े सूबे लखनऊ का सियासी तापमान सामान्य से कुछ डिग्री ज़्यादा था. इसकी वजह थी 19 और 20 सितंबर को संघ, संगठन और सरकार के शिखर पुरुषों की मैराथन मंथन. संघ की ओर से सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और सह सरकार्यवाह अरुण कुमार थे. सरकार की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और केशव मौर्य शामिल हुए. संगठन से यूपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बैठक में हिस्सा लिया.
लोकसभा में सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर चुकी BJP कैसे अपनी मंज़िल तक पहुंचेगी, इसे लेकर विस्तार से चर्चा हुई. हिंदुत्व से लेकर धर्मांतरण तक तमाम ज्वलंत मुद्दों पर बात हुई. लेकिन, सबसे अहम है इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति और रणनीति पर संघ का भरोसा. सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि मुख्यमंत्री योगी के कामकाज से संघ ख़ुश है. इतना ही नहीं उनके काम करने के तरीक़े पर संघ ने मुहर लगाई है.
क़ानून व्यवस्था पर संघ संतुष्ट!
सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि क़ानून व्यवस्था के मोर्चे पर संघ योगी सरकार से संतुष्ट है. यानी क़ानून व्यवस्था को लेकर जिस तरह के कई सख़्त फ़ैसले सरकार ने लिए हैं, उससे संघ सहमत है. प्रदेश में क़ानून व्यवस्था को लेकर जनता के बीच जो संदेश है, उसे लेकर संघ के पास सकारात्मक फीडबैक है. सूत्रों का दावा है कि संघ ने इतने बड़े सूबे में क़ानून का राज स्थापित करने के लिए गए योगी सरकार के कई फ़ैसलों को सही ठहराया है.
संघ ने क़ानून व्यवस्था को लेकर जो पैमाना तय किया था, वो जनहित में सरकार के प्रति स्वीकार्यता है. संघ ने माना कि योगी सरकार में क़ानून व्यवस्था को लेकर जनता के बीच भरोसे का भाव है. इसलिए इसे और बेहतर बनाने पर चर्चा हुई. साथ ही इस दिशा में खुलकर फ़ैसले लेने पर सहमति जताई गई.
हिंदुत्ववादी मुद्दों पर मुखर और प्रखर
संघ की समन्वय बैठक में योगी आदित्यनाथ के हिंदुत्ववादी मुद्दों पर भी चर्चा हुई. सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि हिंदुत्ववादी मुद्दों पर मुख्यमंत्री योगी के मुखर और प्रखर अंदाज़ की संघ ने सराहना की है. 2017 के बाद से लगातार सीएम योगी को देश के कई राज्यों में हिंदुत्व का पोस्टर ब्वॉय बनाकर प्रचारित किया जा रहा है. संघ को मुख्यमंत्री योगी की ये छवि निखरती नज़र आ रही है. इसी क्रम में अयोध्या में भव्य राममंदिर से जुड़ी तैयारियों और वहां होने वाले आयोजनों को लेकर कुछ विशेष बातें निकट भविष्य में तय हो सकती हैं.
समन्वय बैठक को लेकर सूत्रों का दावा है कि हिंदुत्ववादी मोर्चे पर सीएम योगी को आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल मिल गया है. यानी रैलियों, जनसभाओं और जनहित के हर मंच से साफ संदेश जाना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी अपने बयानों से लेकर ट्वीट तक बहुत स्पष्ट तरीक़े से अपनी बात एक बड़े संदेश के साथ पहुंचाते रहे हैं. उनकी हिंदुत्ववादी छवि को लेकर किसी तरह का कोई कन्फ़्यूज़न नहीं है, इसीलिए संघ ने इस मोर्चे पर एक तरह से सीएम योगी की पीठ थपथपाई है.
धर्मांतरण पर संघ-योगी एक ट्रैक पर!
यूपी में धर्मांतरण को लेकर सामने आई कई तरह की साज़िशों पर भी चर्चा हुई. सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि संघ ने धर्मांतरण पर सख़्त एक्शन जारी रखने की सलाह दी है. इस मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद से भी विस्तार से मंथन हुआ. धर्मांतरण की शिकायतों को लेकर सीएम योगी ख़ुद भी सार्वजनिक मंचों से सख़्त हिदायत दे चुके हैं. इसलिए बहुत संभव है कि 2024 के चुनावी मुद्दों में इस पर BJP का फ़ोकस रहेगा.
धर्मांतरण रोकने और ऐसी तमाम साज़िशों का पर्दाफ़ाश करने को लेकर संघ कई दशकों से काम कर रहा है. अपनी नीतियों में संघ ने इस मुद्दे को हमेशा तवज्जो दी है. संघ प्रमुख मोहन भागवत से लेकर संघ की तमाम टॉप लीडरशिप धर्मांतरण के मुद्दे को कई मंचों पर उठाती रही है. योगी सरकार ने धर्मांतरण के कई मामलों में बड़ा एक्शन लिया है.
जून 2023 में वीडियो गेम के जरिये गाज़ियाबाद में धर्म परिवर्तन के इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफ़ाश किया गया था. इस मामले में पुलिस-प्रशासन ने कई गिरफ़्तारियां की थीं. कुल मिलाकर धर्मांतरण रोकना संघ के एजेंडे में हमेशा से शामिल रहा है. इस पर योगी की जो रणनीति है, वो संघ की लाइन लेंथ पर है. इसीलिए संघ ने इस दिशा में योगी सरकार के एक्शन पर मुहर लगाई है.
‘समन्वय मंत्र’ से तैयार होगा ‘सत्ता का तंत्र?
संघ, संगठन और सरकार की समन्वय बैठक के बाद बड़ी रणनीति बननी है. 22 सितंबर से सर संघचालक मोहन भागवत का लखनऊ में तीन दिन प्रवास है. इस दौरान वो यूपी में संघ के कामकाज की समीक्षा करेंगे. ख़बर है कि संघ प्रमुख भागवत 2024 को लेकर संघ की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों को धार देने पर भी चर्चा करेंगे. संगठन और सरकार के साथ समन्वय बैठक के फ़ौरन बाद सर संघचालक का ये मंथन बहुत अहम हो जाता है.
फिलहाल संघ ने 2024 के नज़रिये से अपना पहला बड़ा इशारा दे दिया है. योगी सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर संघ की संतुष्टि बताती है कि वो उनकी हिंदुत्ववादी छवि के साथ ही आगे बढ़ेगा. यानी 2023 से लेकर 2024 तक तमाम चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री योगी सनातन और हिंदुत्व पर पहले से ज़्यादा मुखर होंगे.