नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब यदि मोदी सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और चार राज्य सरकारों की ओर से हां में दिया जाता है तो हो सकता है कि इस बार दिल्ली-एनसीआर में आतिशबाजी पर बैन रहे। NGT ने पर्यावरण और वन मंत्रालय के अलावा CPCB और अन्य से पूछा कि क्या जनस्वास्थ्य और पर्यावरण के हित में 7 से 30 नवंबर के बीच आतिशबाजी के प्रयोग पर रोक लगा दी जाए? गौरतलब है कि दिवाली 14 नवंबर को है, जिस दिन जमकर आतिशबाजी का चलन है।
एनजीटी प्रमुख जस्टिस एके गोयल की अगुआई वाली बेंच ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के अलावा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार से जवाब मांगा है।
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NGT ने वरिष्ठ वकील राज पंजवानी और वकील शिभानी घोष को न्याय मित्र घोषित किया है। बेंच इंडियन सोशल रिस्पान्सबिलिटी नेटवर्क की ओर से संतोष गुप्ता के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें NCR में आतिशबाजी के इस्तेमाल से प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए असंतोषजनक वायु गुणवत्ता रहने पर इसे लागू करने को कहा गया था।
याचिका में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के बयानों का हवाला भी दिया गया है, जिनमें कहा गया है कि त्योहारों के सीजन में वायु प्रदूषण की वजह से कोविड-19 केसों में इजाफा हो सकता है।