उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक समाचार चैनल के पत्रकार रतन सिंह (42) की सोमवार गोली मार कर हत्या कर दी गई। घटना के पीछे पट्टीदारी का विवाद बताया जा रहा है। दो साल पहले इनके भाई की भी हत्या हो चुकी है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। फेफना थानाध्यक्ष शशिमौलि पांडेय को निलंबित कर दिया गया है।
पत्रकार रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने आरोप लगाया है कि पुलिस की मिलीभगत की वजह से उनके बेटे की हत्या हुई है। पिता ने कहा कि विवादित जमीन पर न ही भूसा और न ही पुवाल रखा गया था। न ही विवादित जमीन को लेकर झगड़ा था। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में फेफना के इंस्पेक्टर शशिमौली की भूमिका संदिग्ध है। अपने को घिरा देश रतन ने इंस्पेक्टर को फोन किया था लेकिन वह थोड़ी देर के लिए वहां पहुंचे और फिर वापस चले गए। यदि वो उस समय वहां रूक गए होते तो बेटे की हत्या नहीं हुई होती।
इस बीच, आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने मामले को नया एंगल देते हुए पटिदारी विवाद बताया उन्होंने बताया कि मामले में 10 आरोपी हैं। इनमें 6 की गिरफ्तारी हो चुकी है। मुख्य आरोपी समेत चार फरार हैं। वही उन्होंने बताया कि इस घटना में पत्रकारिता से संबंधित कोई बात शामिल नहीं है। यह पूरी तरह से दो पक्षों के बीच जमीन विवाद के बारे में है।
पुर मामला रतन सिंह सोमवार को पूरे दिन जिला मुख्यालय बलिया में रहने के बाद शाम को गांव चले गए। यहां गांव में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल घर जा रहे थे, तभी घर कुछ लोगों ने उन पर फायरिंग कर दी। ग्रामीणों के अनुसार, जान बचाने के लिए रतन ग्राम प्रधान में घर में घुस गए लेकिन हमलावरों ने पीछा नहीं छोड़ा और एक-एक कर तीन गोलियां दाग दीं। इससे रतन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
बताया जाता है कि कुछ दिन पहले रतन का उनके पट्टीदारों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। तब उन्होंने जान से मार देने की धमकी भी दी थी। हालांकि परिवार वालों की ओर से अब तक कोई तहरीर नहीं दी गई।