उत्तर प्रदेश में बीजेपी विधायकों और पुलिस अधिकारियों के बीच तनातनी के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसे लेकर पार्टी विधायकों में नाराजगी देखी जा रही है। कई भाजपा विधायकों ने अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। एक विधायक ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि “अपराधियों की तरह अब विधायकों को भी उत्तर प्रदेश छोड़ना पड़ेगा।”
बता दें कि हाल ही में इगलास से भाजपा विधायक राजकुमार सहयोगी और गोंडा थाने के इंचार्ज अनुज कुमार के बीच झड़प का मामला सामने आया था। जिसमें विधायक ने एसएचओ पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया था। इसके बाद अलीगढ़ से सांसद सतीश गौतम ने इसके खिलाफ समर्थकों के साथ थाने के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए एसएचओ पर सस्पेंड कर दिया था और एसपी (ग्रामीण) का तबादला कर दिया था।
अब गोरखपुर से भाजपा विधायक आरएमडी अग्रवाल ने यूपी पुलिस के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। अग्रवाल ने लखीमपुर में हुए एक मर्डर केस में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। इकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में 25 जून को इस मामले में शिकायत दर्ज करायी गई थी। भाजपा विधायक ने कहा कि उन्होंने यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव अविनाश अवस्थी और यूपी डीजीपी एचसी अवस्थी को भी फोन किया लेकिन दोनों ने ही उनकी कॉल का जवाब नहीं दिया।
यूपी में पिछले तीन साल में कितने ब्राह्मणों की हत्या हुई, आगामी विधानसभा सत्र के लिए भाजपा विधायक ने पूछा सवालईटी के साथ बातचीत में अग्रवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यदि ये मानसिकता वरिष्ठ अधिकारियों की है तो फिर निचले स्तर पर पुलिस अधिकारियों की मानसिकता का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।
अग्रवाल की तरह ही गोपामऊ के भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने भी फेसबुक पर विधायकों के उत्तर प्रदेश छोड़ने की बात लिखी है। हाल ही में बागपत के पूर्व जिलाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भी भाजपा नेताओं का आरोप है कि पुलिस कुछ नहीं कर रही है। बागपत से भाजपा विधायक मुकेश धामा और सांसद सत्यपाल सिंह ने भी पुलिस के कामकाज को लेकर नाराजगी जाहिर की है।