पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच कच्ची शराब की भट्ठियां एक बार फिर तेजी से धधकनी शुरू हो गई हैं। गोरखपुर के कई थाना क्षेत्रों से कच्ची शराब बनने की शिकायत आने लगी है। शराब कारोबारियों पर पुलिस की मेहरबानी के चलते आबकारी टीम भी सतर्क हो गई है। आए दिन कच्ची शराब के अड्डे पर छापेमारी कर आबकारी टीम बरामदगी कर रही है।
आसपास के जिलों में कच्ची शराब से लोगों की मौत की खबर आने के बाद से पिछले कप्तान डॉ. सुनील गुप्ता ने जिले में कच्ची शराब बनाने और बेचने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए आपरेशन गरल का अभियान चलाया था। इसके लिए हर थाने पर एक दोरगा को शराब के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी दी गई थी। महीने में इस टीम की मीटिंग भी होती थी। इसका असर भी दिख रहा था। पुलिस ने कच्ची शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की। जिसका असर भी दिखने लगा था। लेकिन अब फिर इस धंधे में तेजी आई है। यह फलने-फुलने लगा है।
पंचायत चुनाव में कच्ची शराब की खपत को देख कारोबारी सक्रिय हो गए है। परिणाम स्वरूप जिले के शहरी थानों के साथ ही देहात के ज्यादातर थाना क्षेत्रों से कच्ची शराब बनने और बिकने की शिकायत आने लगी है। थाने की पुलिस के चुप्पी साधने पर आबकारी टीम कार्रवाई में जुटी हुई है। हाल के दिनों में आबकारी टीम को राजघाट, तिवारीपुर, सिकरीगंज, खजनी क्षेत्र में कच्ची शराब बनने की सूचना मिली। इस पर आबकारी टीम ने छापेमारी कर कच्ची शराब बरामद कर भारी मात्रा में लहन नष्ट किया।
कच्ची शराब बनाने और बेचने के लिए ईंट भट्ठा सुरक्षित स्थान साबित हो रहा है। दो दिनों में आबकारी टीम ने खजनी स्थित ईंट भट्ठा और सहजनवा क्षेत्र के समधिया स्थित ईंट भट्ठे पर छापेमारी कर कच्ची शराब बरामद किया। टीम ने दोनों जगह भारी मात्रा में लहन को नष्ट किया।