इस नवरात्र में मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने आने वाले भक्तों के लिए सीएम योगी ने अच्छी सौगात दी है। जिससे वह इस नवरात्र में रोपवे की सवारी का भी आनंद उठाने का मौका मिलेगा। बता दें कि पूर्वांचल का पहला रोपवे बनकर तैयार हो गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि नवरात्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुभारंभ करेंगे।
रोपवे का शुभारंभ होने के बाद विंध्याचल में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। लोगों को विंध्य पहाड़ियों का नजारा देखने को मिलेगा। आपको बता दें कि नई दिल्ली की एक कंपनी से रोप-वे निर्माण का करार वर्ष 2014 में हुआ था। अब करीब छह वर्ष बाद रोप-वे पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है। पर्यटन विभागीय के अधिकारियों की मानें तो सबकुछ ठीक रहा तो इस नवरात्र में इसका शुभारंभ हो सकता है।
पर्यटन विभाग की ओर से पीपीपी मॉडल पर रोप-वे का निर्माण कराए जाने से अष्टभुजा और काली खोह में दर्शन के लिए श्रद्धालओं को ऊंची पहाड़ी वाले रास्ते पर घंटों नहीं चलना पड़ेगा। 265 मीटर ऊंचे रोप-वे से अष्टभुजा और काली खोह मंदिर तक पहुंचने में सिर्फ दो मिनट लगेंगे।
दरअसल, मां विंध्यवासिनी, अष्टभुजा और काली खोह में दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से लाखों लोग आते हैं।त्रिकोण के लिए कालीखोह पहाड़ पर मां काली के दर्शन-पूजन करने के बाद 135 सीढ़ी चढ़ाई चढ़कर मां अष्टभुजी देवी जाना पड़ता है। विदेशी सैलानी भी यहां का मनोरम दृश्य देखने पहुंचते हैं। विंध्य पहाड़ियों में पूर्वांचल का पहला रोप-वे बनकर तैयार हो गया है। इंतजार सिर्फ उसके उद्धाघटन का है।