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विवादित पोस्टर, ब्राह्मणों पर फरसा वार करते दिखे योगी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दारुलशफा की दीवारों पर समाजवादी छात्रसभा के नेता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विवादित पोस्टर लगाया है। इसमें योगी ब्राह्मणों के ऊपर फरसा ताने खड़े हुए हैं। जबकि अखिलेश यादव को मुकुट पहनाकर उन्हें बचाने वाला दर्शाया गया है। पोस्टर में भगवान परशुराम का चित्र भी बना है। इससे पहले भी राजधानी के कुछ वीवीआईपी इलाकों में विवादित पोस्टर लगाए थे। वहीं, हजरतगंज इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय ने कहा कि विवादित पोस्टर हटवा दिया गया है। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

पोस्टर में किनारे पर एक कार्टून बनाया गया है, इसमें सफेद कोट पहने व्यक्ति मरीज का इलाज कर रहा है। ऑक्सीजन सिलेंडर के रूप में सीएम योगी की तस्वीर लगाई गई है। इसके ऊपर ‘कोविड महामारी की आड़ में धन की उगाही’ स्लोगन लिखा है। यही नहीं, फरसा लिए योगी के पीछे केशव मौर्य और जेपी नड्डा की तस्वीर लगाई गई है।

दीवारों पर चिपका पोस्टर ब्राह्मण पॉलिटिक्स से प्रेरित है। पोस्टर में श्री परशुराम भगवान का चित्र बनाया गया है। योगी को ब्राह्मणों पर फरसा ताने दिखाया गया है। जबकि नीचे लिखा है ‘बन्द करो ब्राह्मणों पर अत्याचार, न भरष्टाचार, न अत्याचार, अबकी बार अखिलेश सरकार।’

16 जून 2020 को राजधानी लखनऊ में वीवीआईपी गेस्ट हाउस की दीवार पर विवादित पोस्टर लगाए गए थे। यह पोस्टर 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती और पशुधन विभाग में टेंडर घोटाले को लेकर थे। इन 10 विवादित पोस्टरों में इसे लगाने वाले का नाम नहीं था। इनमें सीएम योगी आदित्यनाथ और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के साथ आरोपियों की फोटो को दिखाया गया था। कुछ ही देर बाद पुलिस ने पोस्टर हटवा दिए थे।