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एंटीबॉडीज की मौजूदगी भी नहीं रोक सकता बच्चो में कोरोना का खतरा, शोध में हुआ ये खुलासा …

चिल्ड्रंस नेशनल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने हाल ही में यह अध्ययन किया कि कोरोना संक्रमण से छुटकारा पाने और शरीर में एंटीबॉडी बनने में बच्चों को कितना समय लगता है। उनके शोध के अनुसार, बच्चों के शरीर में कोविड-19 और एंटीबॉडी दोनों एक ही समय में दिख सकते हैं। जर्नल ऑफ पीडिऐट्रिक्स में प्रकाशित एक शोध में 13 मार्च से 21 जून के बीच 215 बाल मरीजों पर परीक्षण किया गया था।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, इनमें अस्पताल में कोविड-19 बीमारी का इलाज करवाने के दौरान 215 में से 33 बाल मरीजों के वायरस और एंटीबॉडी दोनों का परीक्षण किया गया। 33 में से 9 मरीजों के ब्लड वायरस पॉजिटिव भी मिले। शोधकर्ताओं ने पाया कि 6 साल से 15 साल की उम्र के बच्चों को कोविड-19 से मुक्त होने में उन मरीजों की तुलना में ज्यादा वक्त लगता है, जिनकी उम्र 16 साल से 22 साल के बीच हो।

चिल्ड्रंस नेशनल हॉस्पिटल की शोधकर्ता बुरक बहार ने कहा कि अधिकतर संक्रमण के मामलों में जब हम एंटीबॉडी को खोजना शुरू करते हैं तो हमें वायरस नहीं मिलता लेकिन कोविड-19 के मामले में हमें वायरस और एंटीबॉडी दोनों ही मरीज के शरीर में देखने को मिले हैं। इसका मतलब है कि एंटीबॉडीज की मौजूदगी में भी बच्चों में वायरस से संक्रमित होने की पूरी आशंका है। बहार रिसर्च की प्रमुख लेखक भी हैं।

उन्होंने कहा कि शोध की अगली कड़ी में हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि एंटीबॉडी के साथ मौजूद वायरस दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैला सकता है या नहीं। उन्होंने कहा कि अब इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि एंटीबॉडी का संबंध प्रतिरोधक क्षमता से ही है और दोबारा संक्रमण होने की दशा में ये एंटीबॉडी शरीर में कितने समय तक कारगर रहेंगी।