उत्तर प्रदेश में 5 आईपीएस अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप के मामले की जांच विशेष जांच दल (SIT) ने की है. सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने इस संबंध में शासन को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें जांच में देरी का जिक्र है. इसमें कहा गया है कि तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह के चलते जांच में देरी हुई. उन्होंने जांच से जुड़ी पेन ड्राइव देने में देर की. यही नहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पेन ड्राइव भी ओरिजनल नहीं दी गई है.
बता दें आईपीएस डॉ अजयपाल शर्मा, हिमांशु कुमार, सुधीर सिंह, गणेश साहा, राजीव नारायण मिश्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने इस संबंध में सबूतों की पेन ड्राइव भेजी थी. इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी. उस समय प्रदेश में डीजीपी ओपी सिंह थे और एसआईटी प्रमुख तत्कालीन निदेशक, विजिलेंस एचसी अवस्थी थे. अब ओपी सिंह रिटायर हो चुके हैं, वहीं एचसी अवस्थी प्रदेश के डीजीपी हैं.
जानकारी के अनुसार एसआईटी ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है, इसमें आरोप लगाया है कि तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह के चलते जांच में देरी हुई. जांच से जुड़ी पेन ड्राइव देने में दे की गई. दो बार पत्र लिखने के बाद एसआईटी को सबूतों वाली पेन ड्राइव मिल सकी. एसआईटी ने 10 और 13 जनवरी 2020 को तत्कालीन डीजीपी को पत्र लिखे थे. इसके बाद पेन ड्राइव दी गई, वह भी ओरिजिनल नहीं मिली. एसआईटी को पेन ड्राइव की कॉपी दी गई.
नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने ये सबूतों की पेन ड्राइव भेजी थी. चौंकाने वाली बात ये है कि नोएडा से लखनऊ पेन ड्राइव भेजने में 19 दिन लग गए.