संजीत यादव के परिजन सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने के लिए जा रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें रस्ते में रोक लिया। रोके जाने परिवार ने जमकर हंगामा किया। गौरतलब है की इससे पहले संजीत के परिजनों को सीएम योगी से मिलने से भी रोक लिया गया था।
योगी शासन में तो यूपी पुलिस चार कदम आगे चल रही जहाँ उन्हें लोगो की सहायता करनी चाहिए वहां ये लोग उनकी मदद की जगह उन्हें टॉचर कर रहें संजीत अपहरण एवं हत्या केस में संजीत के परिवार को नहीं मिल रही सरकार की तरफ से कोई मदद और जहाँ वो खुद मदद लेना चाहते वहां यूपी पुलिस उन्हें जाने नहीं देती। संजीत यादव के परिवार सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलना चाहती लेकिन पुलिस ने उन्हें लखनऊ में रोका और जाने नहीं दिया जहाँ परिवार ने जमकर हंगामा किया।
यह है मामला
लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हुआ था। 29 जून को उसके परिवारवालों के पास फिरौती के लिए फोन आया। 30 लाख रुपये फिरौती मांगी गई थी। परिवारवालों ने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख की फिरौती दी थी। लेकिन न तो पुलिस अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई, न संजीत यादव को बरामद कर सकी। 21 जुलाई को जब पुलिस ने सर्विलांस की मदद से संजीत के दो दोस्तों को पकड़ा तो पता चला कि उन लोगों ने संजीत की 26 जून को हत्या कर दी। शव को पांडु नदी में फेंक दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस मामले में एक आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। पुलिस ने पांडु नदी में कई बार लगातार सर्च अभियान चलाया, लेकिन संजीत का शव नहीं मिला। बाद में सरकार ने इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था लेकिन जांच अभी शुरू नहीं हो सकी है जिसको लेकर परिजनों में आक्रोश है।