उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में महिला PCS अधिकारी के साथ रेप के प्रयास का कांड सुर्खियों में है। हाल ही में बस्ती जनपद में तैनात महिला नायब तहसीलदार सदर ने सीनियर नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला पर घर में घुसकर रेप और हत्या के प्रयास का इल्जाम लगाया है। महिला नायब तसहीलदार के मुताबिक सीनियर अधिकारी ने सरकारी आवास में घुसकर उसे मारा पीटा, कपड़े फाडे और रेप का प्रय़ास किया।
अधिकारी की हरकत से वह सहम गई औऱ कुछ दिनों तक किसी से कुछ नहीं कहा, लेकिन जब इंसाफ मांगने के लिए तहरीर दी। तो पुलिस ने मुकदमा लिखने में भी आनाकानी की और एख दिन बाद बहुंत दबाव में मुकदमा दर्ज किया लेकिन अभी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए महिला अधिकारी ने वीडियो जारी करते हुए शासन प्रशासन से गुहार लगाई।
वहीं पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए भाजपा एमएलसी ने अभियान छेड़ दिया है। भाजपा के सीनियर नेता और शिक्षक एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने मामले में सीधी एंट्री करते हुए डीएम-एसपी को फटकार लगाई और पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए प्रमुख सचिव गृह से लेकर सीएम योगी तक गुहार लगाई। भाजपा एमएळसी ने डीएम-एसपी को कानून का पाठ पढ़ाते हुए अल्टीमेटम दिया कि आरोपी को चाहे जमीन खोदकर निकालो या आसमान तोड़कर निकालो, लेकिन उसे जेल में डालो।
भाजपा एमएलसी की एंट्री से मामला औऱ ज्यादा गरमा गया है। एमएलसी के बयान के मुताबिक लग रहा है, मानो शासन औऱ प्रशासन में ही मामले को लेकर ठन गई है। प्रशासन आरोपी नायब तहसीलदार की गिरफ्तारी से पहले जांच की बात कर रहा तो वहीं एमएलसी का साफ कहना है कि, बयान होने के बाद गिरफ्तारी अनिवार्य है। इतना ही नहीं जैसा कि सुना आपने भाजपा एमएलसी ने सीधा अल्टीमेटम देते हुए कहा कि, अगर डीएम एशपी एक्शन में नहीं आए तो वह एक्शन में आ जाएंगे और पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए बड़े दरबार का दरवाजा खटखटाएंगे।
हालांकि गिरफ्तारी के मुद्दे से हटकर कुछ मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इश मामले में कोई तीसरा शख्स भी है। उस तीसरे शख्स का कनेक्शन पीड़ित महिला अधिकारी से है और उस शक्श का मामले में अहम रोल हो सकता है। फिलहाल अंदर की कहानी क्या है यह जांच का विषय है।
ब्यारो रिपोर्ट NTTV BHARAT