- अडानी एयरपोर्ट पर लगाई गई होल्डिंग्स।आज से अडानी के हाथ होगा लखनऊ का हवाई अड्डा।
- एयरपोर्ट का विकास प्रबंधन परिचालन, वित्तीय अधिकारों का निर्णय AdaniOnline करेगा।
- 50 वर्षों के लिए एयरपोर्ट की कमान सौंपी गई।एयर ट्रेफिक कंट्रोल का जिम्मा एआई के पास ही रहेगा।
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे का पूरा कामकाज 2 नवंबर से अडानी ग्रुप ने संभाल लिया है। रविवार रात 12 बजे तक सभी औपचारिकतायें पूरी कर ली गयी। इसके बाद सोमवार से लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट का संचालन अडानी ग्रुप करेग। एयरपोर्ट के प्रबंधन से लेकर वित्तीय मामलों में अडानी ग्रुप के अधिकारी ही फैसले लेंगे बता दें कि अडानी ग्रुप के पास इस एयरपोर्ट की जिम्मेदारी अगले 50 साल तक होगा।
बता दें कि 34 साल पुराने इस हवाई अड्डे को सरकारी और खास उद्योगपतियों के इस्तेमाल के लिए सन 1986 में बनाया गया था। जबकि 17 जुलाई 2008 को इस एयरपोर्ट को यात्रियों के लिए शुरू किया गया। उसके बाद मई 2012 में लखनऊ एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिला। आज लगभग 160 से अधिक विमानों का यहां से संचालन होता है और 55 लाख से अधिक यात्री सालाना यहां से सफर करते है।
खबरों के मुताबिक एयरपोर्ट पर फिलहाल किसी भी सुविधा शुल्क अभी नहीं बढ़ाया जाएगा। एयरपोर्ट पर सुविधाओं के विस्तार की योजना है। जानकारी के मुताबिक लखनऊ एयरपोर्ट पर दिल्ली की तर्ज पर मुफ्त पिक और ड्रॉप सेवा भी उपलब्ध कराई जा सकती है। लखनऊ एयरपोर्ट के पूर्व निदेशक एससी होता को “अडानी लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ” का सीईओ बनाया गया हैं।
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मौजूदा वक्त में एयरपोर्ट ऑथारिटी के 300 कर्मचारी लखनऊ एयरपोर्ट पर काम कर रहे हैं. इनमें ऑपरेशन के अधिकांश कर्मचारी एटीसी और नेवीगेशन में काम कर रहे हैं, जबकि कामर्शियल के कर्मचारी दो साल अडानी ग्रुप के साथ काम करेंगे। आपको बता दें कि लखनऊ एयरपोर्ट के लिए 6 कंपनियों ने बोली लगाई थी, जिसमें प्रति यात्री शुल्क के आधार पर अडानी ग्रुप ने 171 और एएमपी कैपिटल ने 139 रुपए की बोली लगाई थी। यह अहमदाबाद के 177 रुपए प्रति यात्री के बाद किसी एयरपोर्ट के लिए अडानी ग्रुप की सबसे बड़ी बोली थी।
जिसके बाद अडानी ग्रुप ने इस बिड को अपने नाम किया था। अडानी ग्रुप के कामकाज संभालने के बाद चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट का नाम वही रहेगा, लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की जगह अडानी ग्रुप का नाम प्रयोग में लिया जाएगा। एयरपोर्ट का रंग रोगन अडानी ग्रुप अपने अनुसार करवाएगा। अडानी ग्रुप PPP मॉडल के तहत एयरपोर्ट की व्यवस्था को लेकर अपना प्लान तैयार करेगा । इसमें यात्रियों की सुविधाओं में क्या कमी है उसका बदलाव अगले 3 महीने में देखने में मिलेगा. एयरपोर्ट के आउटसाइड दो कैंटीन खोले जाने का भी प्लान किया गया है।