देश में रोज ना रोज मर्डर और हत्याएं होती ही रहती है। लेकिन मेरठ और आसपास के जिलों में जून 2017 से अक्तूबर 2018 में हुई हत्याओं में सबसे ज्यादा हत्या सीने में गोली मारकर की गई हैं। पैसों के लेनदेन और संपत्ति विवाद में सबसे ज्यादा जान ली गई। जून 2017 से अक्तूबर 2018 में मेरठ के मेडिकल कॉलेज में हुए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पर फॉरेंसिक टीम के अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन में यह भी पता चला है कि 21 से 30 साल आयु वर्ग के युवाओं की हत्याएं सबसे ज्यादा हुई हैं।
बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, शामली और मुजफ्फरनगर समेत आसपास के जिलों में हुए जानलेवा हमलों के घायलों को मेरठ के मेडिकल कॉलेज या अन्य निजी अस्पतालों में रेफर किया जाता है। इन लोगों की मौत हो जाने पर शवों का पोस्टमार्टम मेडिकल कॉलेज में ही होता है।
अध्ययन के मुताबिक जून 2017 से अक्तूबर 2018 तक मेडिकल कॉलेज में 2226 शवों का पोस्टमार्टम किया गया था। इनमें से 227 लोगों की हत्या हुई थीं।
जब फॉरेंसिक टीम ने अध्ययन किया तो 227 हत्याओं के कारणों का पता किया तो सामने आया कि प्रॉपर्टी विवाद और पैसों के लेनदेन में 23 प्रतिशत हत्या हुईं थी। जबकि 19 प्रतिशत जान गुस्से में आकर ली गईं थीं। 11 प्रतिशत हत्याओं का कारण पारिवारिक विवाद रहा, वहीं प्यार में धोखा मिलने के कारण भी 3 प्रतिशत कत्ल किए गए। इन 227 मृतकों में 82 लोग 21 से 30 साल की आयु वर्ग के थे। जबकि 55 लोग 31 से 40 वर्ष आयु वर्ग के थे।
11 से 20 साल के 28 लोगों की हुई हत्या
आयु हत्या
01 से 10–08
11 से 20–28
21 से 30–82
31 से 40–55
41 से 50–24
51 से 60–19
61 से 70–7
71 से 80–2
81 से 90–01
90 से अधिक 1
दुश्मनी में ली गई 11 फीसदी जान
प्रॉपर्टी विवाद 24 प्रतिशत
क्रोध 19 प्रतिशत
पारिवारिक 7 प्रतिशत
दुश्मनी 11 प्रतिशत
अन्य कारण 33 प्रतिशत
14 प्रतिशत हत्या गला दबाकर हुई
धारदार हथियार से 22 प्रतिशत
नुकीले हथियार से 13 प्रतिशत
गोली से 30 प्रतिशत
गला दबाने से 14 प्रतिशत
गर्दन पर वार कर ली 6 प्रतिशत जान
सिर पर वारकर 18 प्रतिशत
सीने या पेट में वारकर 52 प्रतिशत
गर्दन पर वार 6 प्रतिशत
70 प्रतिशत पुरुषों की हत्या
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अध्ययन में सामने आया है कि जिन 227 लोगों की हत्या का हुई उनमें 70 प्रतिशत पुरुष थे। जबकि 30 प्रतिशत महिलाएं थीं।