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CM योगी के एक बयान से बदला पूरा बिहार चुनाव, जीत की तरफ बढ़ रहा NDA

CM Yogi Adityanath Effect in Bihar Elections Results : इन विधानसभा चुनाव में बीजेपी का फोकस उन-उन जगहों पर था, जहां बिहार में साल 2015 में हुए चुनाव में महागठबंधन ने उसे ठीक-ठाक नुकसान पहुंचाया था. इसलिए सीएम योगी आदित्‍यनाथ का अपने चुनाव प्रचार में फोकस सिर्फ और सिर्फ उन इलाकों पर था, जहां पिछले चुनाव में बीजेपी चित हुई.

बीजेपी (BJP) के स्‍टार प्रचारक योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath) का असर हर चुनाव में साफ देखा जाता है. इस बार हुए बिहार चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) में भी योगी ने तोबड़तोड़ प्रचार किया, जिसका फायदा अभी तक के रुझानों में बीजेपी को साफ मिलता दिखा है. नतीजतन भारतीय जनता पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. यहां तक की वोटों के मामले में वह अपनी सहयोगी जदयू से भी आगे निकल गई है. लिहाजा, बीजेपी का दांव सही निकला और योगी आदित्‍यनाथ ने बिहार में जहां-जहां भी रैली की, वहां बीजेपी शानदार प्रदर्शन कर रही है.

पहले बात करें योगी आदित्‍यनाथ की रैलियों की तो उन्‍होंने बीजेपी के लिए 6 दिन में ताबड़तोड़ 18 रैलियां की थीं. इस तरह अगर देखा जाए तो योगी ने एक दिन में 3 रैलियां कीं.

इन विधानसभा चुनाव में बीजेपी का फोकस उन-उन जगहों पर था, जहां बिहार में साल 2015 में हुए चुनाव में महागठबंधन ने उसे ठीक-ठाक नुकसान पहुंचाया था. इसलिए सीएम योगी आदित्‍यनाथ का अपने चुनाव प्रचार में फोकस सिर्फ और सिर्फ उन इलाकों पर था, जहां पिछले चुनाव में बीजेपी चित हुई.

पहले चरण के चुनाव प्रचार में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ 6 अहम सीटों पर चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंचे. ये जगहें थीं, जमुई, काराकाट, पालीगंज, तरारी, अरवल. ये सभी सीटें पिछले चुनाव में बीजेपी खो चुकी थी.
चुनाव आयोग द्वारा जारी 3 बजे तक के आंकड़ों में जमुई पर भाजपा की श्रेयसी सिंह सबसे आगे चल रही हैं. अरवल में बीजेपी के दीपक कुमार शर्मा और सीपीआई एमएमएल के महानंद सिंह के बीच कड़ा मुकाबला है. काराकाट में भाजपा के राजेश्‍वर राज और CPIMLL के अरुण सिंह के बीच कांटे की टक्‍कर है. रामगढ़ में भी बीजेपी के अशोक कुमार सिंह और बीएसपी की अंबिका सिंह के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है.

इसके अलावा जिन असेंबली सीटों पर योगी आदित्‍यनाथ प्रचार के लिए पहुंचे थे उनमें पूर्णिया, सहरसा, सिवान, गोरेयाकोठी, भागलपुर, गोविंदगंज, झंझारपुर और दरभंगा शामिल रहे. यहां भी योगी का प्रचार रंग लाता दिख रहा है.

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चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, क्‍या है इन सीटों का हाल…
पूर्णिया- भाजपा के विजय कुमार खेमका जीत के करीब
सहरसा- भाजपा के आलोक रंजन की जीत तय
सिवान- भाजपा के ओम प्रकाश यादव जीत के करीब
गोरेयाकोठी-भाजपा के देवेश कांत सिंह की जीत तय
भागलपुर- भाजपा के रोहित पांडेय की जीत तय
गोविंदगंज- भाजपा के सुनील मणि तिवारी की जीय तय
झंझारपुर- भाजपा के नितिन मिश्रा की जीत तय
दरभंगा- भाजपा के संजय सराओगी की जीत तय

इस तरह अगर देख जाए तो इन 18 जगहों में से 9 से 10 सीटों पर योगी के प्रचार का बेमिसाल असर देखा जा रहा है और बीजेपी यहां शानदार प्रदर्शन कर रही है.

तो यह जानना भी जरूरी है बिहार में योगी आदित्‍यनाथ क्‍यों सफल हुए यानि वहां भाजपा की जीत या रुझानों में बढ़त के क्‍या फैक्‍टर रहे. दरअसल, बिहार के कई इलाकों में गोरक्षपीठ का अच्छा खासा असर है. इसी का योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने बिहार में इस्‍तेमाल किया. विशेषकर बिहार के सीमावर्ती जिले, पूर्वी बिहार, उत्तरी बिहार एवं मिथिलांचल के इलाकों में गोरक्षपीठ का खूब असर है.

लॉकडाउन के वक्‍त जब प्रवासी मजदूरों की घरवापसी का बड़ा मुद्दा सामने था, ऐसे में योगी आदित्‍यनाथ के कार्यों को यूपी के साथ-साथ बिहार में भी सराहा गया. बड़ी तादाद में बिहार के मजदूरों को बॉर्डर तक पहुंचाने का काम योगी आदित्‍यनाथ की सरकार ने किया था. लिहाजा, वापस लौटे प्रवासी मजदूरों और नौजवानों के बीच योगी आदित्‍यनाथ का जबरदस्‍त क्रेज है.